हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहाँगीरपुरी (Jahangirpuri Violence) में हुई बड़े पैमाने पर हिंसा को फैलाने के मुख्य आरोपित मोहम्मद अंसार का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। उसे इलाके के सबसे घटिया चरित्र वाले लोगों में शामिल किया गया है। उसके अपराध की शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी, जब उसे आर्म्स एक्ट के तहत अवैध असलहा रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
35 वर्षीय अंसार को दिल्ली पुलिस हिंसा फैलाने के मामले में गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में जब रविवार को पुलिस उसे कोर्ट में पेशी के लिए ले जा रही थी तो उसने फिल्म पुष्पा का ‘पुष्पा झुकेगा नहीं’ वाला इशारा कर कानून का माखौल उड़ाया। इसके बाद सोमवार को बीएमडब्ल्यू के साथ शराब की बोतलें और गहनों से सजी उसकी तस्वीरें सामने आईं। उसके आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता होने की भी खबरें सामने आईं। हालाँकि अभी तक दिल्ली पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
अंसार पर पुलिस के डोजियर में कहा गया है कि वह इलाके में अवैध शराब और जुआ रैकेट चलाता है और कई मौकों पर उसे गिरफ्तार किया जा चुका है। 2009 में आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार होने के बाद उसे जेल भेज दिया गया था। 2013 में नशे की हालत में एक महिला के घर में घुसने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था। मामले में उसके खिलाफ महिला को चोट पहुँचाने धमकी देने और महिला की शील भंग करने का मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस ने टीओआई को बताया कि अंसार जुएँ के सर्किट के तौर पर कुख्यात था। एक पुलिस अधिकारी ने खुलासा किया, “वह एक आयोजक होने के साथ-साथ एक प्रतिभागी भी है। उसके खिलाफ जुआ अधिनियम के तहत 2011 और 2019 में गैंबलिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इसके अलावा उसके खिलाफ साल 2018 में पुलिस अधिकारी पर हमला करने के आरोप गिरफ्तार किया गया था। अंसार के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) और 186 (किसी भी लोक सेवक को स्वेच्छा से बाधित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इतना ही नहीं जहाँगीरपुरी हिंसा के मुख्य आरोपित अंसार के लंबे आपराधिक इतिहास को देखते हुए भी पुलिस ने उसे कई बार एहतियातन हिरासत में लिया गया था।