राजस्थान के मालपुरा शहर से आगजनी की घटना सामने आ रही है। दशहरे के शुभ अवसर पर मालपुरा कस्बे में अराजक तत्वों ने जुलूस पर पथराव किया था, जिसके बाद स्थिति बेहद तनावपूर्ण बन गई थी। इस घटना से दुखी होकर, कस्बे के लोग मालपुरा पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे। उन्होंने माँग की थी कि जब तक अराजक तत्वों की गिरफ़्तारी नहीं होगी तब तक रावण दहन नहीं किया जाएगा। गतिरोध का कोई अंत नहीं होता देख, ज़िला प्रशासन ने बुधवार (9 अक्टूबर) को सुबह रावण के पुतलों को जलाया और क्षेत्र में धारा-144 लगा दी थी।
शुक्रवार (11 अक्टूबर) को स्थानीय प्रशासन ने लोगों के लिए कर्फ़्यू प्रतिबंधों में ढाई घंटे की छूट दी गई लेकिन इंटरनेट सेवा बंद रखी। यह छूट सुबह 8:30 बजे से 10:30 तक दी गई। इसकी जानकारी कलेक्टर केके शर्मा ने दी। शांति समिति की बैठक के बाद इसकी घोषणा की गई। इस दौरान लोगों को दोपहिया वाहन के इस्तेमाल पर छूट दी गई थी। इस दौरान लोंगों ने रोजमर्रा के सामान की ख़रीदारी की।
10:30 बजे सायरन बजते ही दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद करनी शुरू कर वहीं बाज़ारों में सन्नाटा छा गया। वहीं, दोपहर बाद ख्वासजी के कटले से ट्रक स्टैंड जाने वाले मार्ग पर आपसी झड़प के चलते दो मनिहारी की केबिनों में आगजनी की घटना होने से प्रशासन में अफ़रा-तफ़री मच गई। इसके बाद कुछ लोगों ने मोहल्ले में पुलिस अधिकारियों का घेराव करके आगजनी की घटना पर ग़ुस्सा व्यक्त किया।
आगजनी की घटना की जानकारी मिलते ही अजमेर पुलिस के महानिरीक्षक संजीव निर्जारी, पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोरधन लाल स्थिति का जायज़ा लेने के लिए घटनास्थल पर पहुँचे। अधिकारियों ने लोगों के बीच बढ़ते ग़ुस्से को भाँपते हुए उन्हें उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया। पुलिस ने इलाक़े के कुछ युवकों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया।