छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की दरभा डिविजन कमिटी ने मंगलवार (अप्रैल 09, 2019) को दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले और भाजपा विधायक भीमा मंडावी की हत्या की जिम्मेदारी ली है। इस हमले में भाजपा विधायक और 4 पुलिसकर्मी मारे गए थे। प्रतिबंधित संगठन ने केंद्र सरकार पर कॉरपोरेट हाउसों को फायदा पहुँचाने के लिए बस्तर के प्राकृतिक संसाधनों की लूटखसोट करने और उन्हें कौड़ी के दाम पर बेचने का भी आरोप लगाया है।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दरभा डिविजन कमिटी के सचिव साईंनाथ के नाम से बृहस्पतिवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में माओवादियों ने दावा किया है कि सुरक्षा के बीच में पीपल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी ने जनता की मदद से इस हमले को अंजाम दिया था।
भाकपा (माओवादी) द्वारा जारी बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें कहा गया है, “हमारे पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी ने 9 अप्रैल को हुए हमले को अंजाम दिया था। इसमें दंतेवाड़ा से भाजपा विधायक भीमा मंडावी और चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे। हम उनके चार हथियार भी उठा ले गए थे।”
इससे पहले पुलिस ने कहा था कि हमले के बाद से सुरक्षा कर्मियों के तीन हथियार गायब हैं, इनमें से दो राइफल हैं। दो पेज का बयान नक्सलियों के दंडकारण्य विशेष क्षेत्र की दरभा डिवीजन समिति के सचिव साईनाथ के नाम से जारी किया गया। इसने कई भीषण हमलों को अंजाम दिया है। इसमें बस्तर की झीरम घाटी में 25 मई 2013 का हमला भी शामिल है। इसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉन्ग्रेस के कई बड़े नेता मारे गए थे।
प्रेस विज्ञप्ति में माओवादियों ने कारतूस और हथियार की तस्वीर भी जारी की है। विज्ञप्ति में उन्होंने लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में आते ही अंधराष्ट्रवाद को बढ़ावा देते हुए जातिगत भेदभाव को उकसा रही है तथा आरएसएस के अजेंडे, हिंदू राष्ट्र स्थापना के लक्ष्य की ओर आक्रामक रूप से काम कर रही है। दरभा डिविजन कमिटी पर क्षेत्र में कई नक्सली घटनाओं को अंजाम देने का आरोप है।
नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा है कि पुलिस इस विज्ञप्ति की सत्यता की जाँच कर रही है। यह उनके प्रॉपेगैंडा का ही हिस्सा है। माओवादी संगठन को अपने कृत्य को सही ठहराने का कोई अधिकार नहीं है।