Friday, November 15, 2024
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‘भारत की सूई की नोक भर भी जमीन कोई नहीं ले सकता, वो जमाना गया’: LAC से 1 km दूर गाँव में रात बिताएँगे अमित शाह, अरुणाचल में चीन को चेताया

‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के 2967 सीमावर्ती गाँवों को जोड़ने के साथ-साथ स्वावलंबी बनाया जाएगा। पहले चरण में 662 गाँवों को चुना गया है, जिनमें 455 गाँव अरुणाचल प्रदेश के हैं।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर हैं। यहाँ पर कई योजनाओं का आरंभ करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि अब भारत की सूई की नोंक के बराबर भी कोई जमीन नहीं ले सकता है। उन्होंने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत की जमीन हथियाने का जमाना चला गया। अब ये नया भारत है।

दरअसल, अरुणाचल प्रदेश का दौरान करते हुए चीन ने इस पर आपत्ति जताते हुए बयान दिया था। चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों के तहत अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का हिस्सा बताता है और उस पर अपना दावा करता है। हाल ही में उसने अरुणाचल प्रदेश के 11 इलाकों का नामकरण करने का भी दुस्साहस किया था। उसने अरुणाचल प्रदेश का जैगनां (Zangnan) नाम दिया है।

अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं और उन्होंने चीन सीमा से सटे एक गाँव किबितू का दौरा किया। यहाँ उन्होंने वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम को भी लॉन्च किया। इसके बाद चीन गीदड़ भभकी देने लगा कि इस यात्रा से इलाके की शांति भंग हो सकती है। अरुणाचल को उसने अपना हिस्सा बताते हुए कहा कि यह यात्रा उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि अब वो जमाना चला गया जब भारत की जमीन पर कोई भी कब्जा कर लेता था। आज सूई की नोंक बराबर भी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि ITBP और सेना के जवानों के शौर्य के कारण कोई भी भारती की सीमा की ओर आँख उठाकर नहीं देख सकता।

अमित शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के लोगों में भारत के प्रति कूट-कूटकर प्यार और देशभक्ति भरी हुई है उन्होंने कहा कि यहाँ के लोगों से मिलने पर वे नमस्ते नहीं करते हैं, वे जय हिंद बोलते हैं। यहाँ कोई भी अतिक्रमण नहीं कर सकता और इसकी वजह यहाँ के लोगों की देशभक्ति है।

अमित शाह ने LAC से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित किबिथू गाँव को देश का आखिरी गाँव के बजाय पहला गाँव बताया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों की अब तक की 12 सरकारों ने जो नहीं, उसे नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सिर्फ दो कार्यकाल में ही कर दिया। बता दें कि इस गाँव को महत्व देने के लिए अमित शाह चीन की आपत्ति को दरकिनार करते हुए रात में भी इसी गाँव में रुकने फ़ैसला किया है।

अमित शाह ने कहा कि आते हुए उन्होंने राज्य में सैंकड़ों झरने देखे। इसके बाद उन्होंने अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने पेमा खांडू को कहा कि एक घर ले लीजिए, ताकि जब मैं वृद्ध हो जाऊँ तो यहाँ रहने आऊँ। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर बच्चा अरुणाचल को सूर्यदेव की पहली किरण की धरती के नाम से जानता है। अरुणाचल भारत माता के मुकुट का एक दिव्य मणि है।”

दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022 से 2026 के लिए सीमावर्ती गाँवों को सड़क के माध्यम से देश से जोड़ने के लिए 2500 करोड़ रुपए सहित 4800 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। इसे ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ नाम दिया गया है। इसके तहत गाँवों में विकास के जरिए उन्हें स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ युवाओं के विस्थापन भी रोकना शामिल है।

‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के 2967 सीमावर्ती गाँवों को जोड़ने के साथ-साथ स्वावलंबी बनाया जाएगा। पहले चरण में 662 गाँवों को चुना गया है, जिनमें 455 गाँव अरुणाचल प्रदेश के हैं।

गृहमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश में 9 माइक्रो पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन किया। 10 मेगावाट से लेकर 100 मेगावाट तक की ये छोटी पनबिजली परियोजनाओं के जरिए सीमावर्ती गाँवों तक बिजली पहुँचाई जाएगी। इन 9 परियोजनाओं से 25 गाँवों में रहने वाले 5,000 से अधिक लोगों तक बिजली की निर्बाध आपूर्ति होगी। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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