केंद्र सरकार ने कॉन्ग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी यामिनी पर बड़ी कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने नियमों की अवहेलना करने के कारण यामिनी अय्यर के नेतृत्व में चलने वाले एक थिंक टैंक का फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) रद्द कर दिया है। बता दें कि यामिनी सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) नाम से एक थिंक टैंक संचालित करती हैं।
FCRA लाइसेंस निलंबित होने के बाद CPR अब विदेशों से फंड नहीं ले सकेगा। विदेशों से धन प्राप्त करने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं को FCRA पंजीकरण कराना जरूरी होता है। सरकार को पता चला कि यह संस्था अनुदान हासिल करने में नियमों की लगातार अवहेलना कर रही है। CPR केंद्रीय एजेंसियों की रडार पर लंबे समय से रहा है।
यामिनी अय्यर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) हैं। दरअसल, CPR का कार्यालय दिल्ली में है, जो 21वीं सदी की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी से जुड़े मुद्दों पर कथित शोध का काम करता है। CPR को घरेलू तथा कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भारी अनुदान मिलता है।
सितंबर 2022 में आयकर विभाग ने भी विदेशी फंडिंग को लेकर CPR का सर्वे किया था। मार्च 2023 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CPR के FCRA लाइसेंस को 6 महीने के लिए निलंबित कर दिया था। इतना ही नहीं, भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) सहित कई एजेंसियों द्वारा इस थिंक टैंक की नियमित तौर पर जाँच और ऑडिट की गई। इसके बाद आखिरकार संस्था के लाइसेंस को रद्द करने का निर्णय लिया गया।
मंत्रालय के मुताबिक, CPR को फोर्ड फाउंडेशन सहित कई विदेशी संस्थानों से फंडिंग मिली थी। इतना ही नहीं, गुजरात दंगे को लेकर देश में कई तरह की प्रोपेगेंडा फैलाने वाली तीस्ता सीतलवाड़ की एनजीओ को भी यामिनी अय्यर के थिंक टैंक CPR ने चंदा दिया था। गृह मंत्रालय ने साल 2016 में तीस्ता के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था।
दरअसल, समाज सेवा एवं शोध आदि के नाम पर चलने वाले एनजीओ कई तरह की गड़बड़ी और भारत विरोधी रूख के कारण चर्चा में रहे हैं। इनमें पर कई संस्थानों पर सरकार ने कार्रवाई भी की है। इनमें ऑक्सफैम इंडिया, न्यूज वेबसाइट न्यूजक्लिक, बेंगलुरु स्थित मीडिया फाउंडेशन सहित कई संस्थान विदेशी फंडिंग को लेकर जाँच के दायरे में हैं। ऑक्सफैम इंडिया की FCRA लाइसेंस भी रद्द हो चुकी है।