NEET-UG और UGC-NET जैसी कई प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर विवादों के बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने 22 जून को परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया। यह केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों के बीच राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के कामकाज से संबंधित मुद्दों की जाँच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा के दो दिन बाद आया है।
मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय के तहत उच्च शिक्षा विभाग ने विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी।
इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन इस समिति के अध्यक्ष होंगे। पाँच अन्य विशेषज्ञ समिति के सदस्य होंगे, जबकि मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे।
विशेषज्ञ समिति के सदस्यों की सूची इस प्रकार है:
1-डॉ. के. राधाकृष्णन , पूर्व अध्यक्ष, इसरो और अध्यक्ष BoG, आईआईटी कानपुर – अध्यक्ष
2-डॉ. रणदीप गुलेरिया , पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली – सदस्य
3-प्रो. बी.जे. राव, कुलपति, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय – सदस्य
4-प्रो. राममूर्ति के, प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास – सदस्य
5-पंकज बंसल, सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य, कर्मयोगी भारत – सदस्य
6-प्रो. आदित्य मित्तल, डीन छात्र मामले, आईआईटी दिल्ली – सदस्य
7-गोविंद जायसवाल, संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार – सदस्य सचिव
ये समिति इन विषयों पर काम करेगी-
(i) परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार
(क) संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना तथा प्रणाली की दक्षता में सुधार लाने और किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के लिए उपाय सुझाना।
(ख) एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी)/प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना तथा हर स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं/प्रोटोकॉल को मजबूत बनाने के उपाय सुझाना।
(ii) डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार
(क) एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना और इसके सुधार के उपायों की सिफारिश करना।
(ख) विभिन्न परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग और अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करना और सिस्टम की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।
(iii) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली
(क) बिंदु (i) और (ii) के तहत दी गई सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की संगठनात्मक संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करना और हर स्तर पर पदाधिकारियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना।
(ख) एनटीए के वर्तमान शिकायत निवारण तंत्र का आकलन करना, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना और इसकी दक्षता बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।
समिति को इस आदेश के जारी होने की तिथि से दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि समिति अपनी सहायता के लिए किसी भी विषय विशेषज्ञ को शामिल कर सकती है।