प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए भारत की विकास कहानी में इस बात पर जोर दिया है कि भारत महिलाओं के विकास से ‘महिला-नेतृत्व वाले विकास’ की ओर बढ़ रहा है। इस नजरिए में विकास के वास्तुकार के तौर पर महिलाओं की कल्पना की गई। इसी कल्पना को साकार करते हुए देश में महिलाएँ ऐसे पदों पर आसीन हो रही है, जहाँ इससे पहले कभी किसी महिला की नियुक्ति नहीं हुई थी।
हाल ही में देश और विदेशों में उच्च पदों पर महिलाओं की नियुक्ति इसका सबूत है। ताजा उदाहरण रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ के तौर पर काम संभालने वाली जया वर्मा सिन्हा का है। वो रेलवे बोर्ड के इतिहास में ये पद संभालने वाली पहली महिला हैं।
Smt. Jaya Varma Sinha assumes the position of Chairperson and CEO Railway Board, today.
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) September 1, 2023
She is the first woman head of the Railways.
She has vast administration and management experience of different fields of Railways. pic.twitter.com/arcBEpXTfE
इससे दो दिन पहले ही 29 अगस्त को गीतिका श्रीवास्तव को इस्लामाबाद उच्चायोग में भारत का नया प्रभारी नियुक्त किया वह यह पद संभालने वाली पहली महिला हैं। उनसे एक दिन पहले 27 अगस्त को ही काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की पहली महिला क्षेत्र निदेशक के पद पर डॉ सोनाली घोष की तैनाती की गई है। उन्होंने आज 1 सितंबर शुक्रवार को कार्यभार संभाला।
ये भारतीय महिलाएँ अब ऐसी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ समाज पर अपनी छाप छोड़ नई ऊँचाइयाँ हासिल करने जा रही हैं जहाँ कभी पुरुष ही उड़ान भरा करते थे। यहाँ हम इन्हीं महिलाओं की कहानी बयां करने जा रहे जो देश-दुनिया के लिए प्रेरणा बन कर उभरी हैं। शुरुआत शुक्रवार (1 सितम्बर, 2023) को रेल भवन में रेलवे बोर्ड की नई अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के तौर पर कार्यभार संभालने वाली जया वर्मा सिन्हा से करते हैं।
रेलवे में बना नया रिकॉर्ड
गुरुवार यानी 31 अगस्त, 2023 को कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha) को रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और सीईओ नियुक्त करने की मंजूरी दी। इस पद पर उनका कार्यकाल 31 अगस्त, 2024 तक होगा। वो एक अक्टूबर को रिटायर होने वाली थी। इस नियुक्ति को देखते हुए उन्हें सेवा विस्तार दिया जाएगा। इस पद पर नियुक्त होने से पहले वो रेलवे बोर्ड में यातायात परिवहन के अतिरिक्त सदस्य का पद संभाल रही थीं।
बता दें कि रेलवे बोर्ड भारतीय रेलवे के लिए फैसला लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। अपने नए रोल में उन्होंने अनिल कुमार लाहोटी की जगह ली है। इस रोल में वो माल ढुलाई और यात्री सेवाओं के पूरे परिवहन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगी। इसके साथ ही भारतीय रेलवे के इस सर्वोच्च पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला होने का रिकॉर्ड उनके नाम हो गया।
दरअसल, भारतीय रेलवे बोर्ड की स्थापना 1905 में हुई थी। ये पहला मौका है जब 118 साल बाद कोई महिला इसके शीर्ष पद तक पहुँची हैं। लेकिन इस तरह से रिकॉर्ड कायम करना उनके जीवन में पहली बार नहीं है। इससे पहले भी वो दक्षिण पूर्व रेलवे की पहली प्रिसिंपल चीफ ऑपरेशन मैनेजर रह चुकी हैं।
ये रेलवे की वही तेजतर्रार अधिकारी हैं जिन्होंने इस साल जून में ओडिशा के बालासोर में हुई भयंकर ट्रेन दुर्घटना के बाद ट्रेनों की पेचीदा सिग्नल प्रणाली के बारें में मीडिया को जानकारी दी थी। इसके साथ प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पावर प्रजेंटेशन के जरिए हादसे के बारें में उन्होंने ही बताया था। इस भीषण हादसे में तकरीबन हादसे में 300 लोगों की जान गई थी और लगभग 1000 लोग घायल हुए थे।
उन्होंने 1988 में भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) में ऑफिसर के पद से रेलवे में कदम रखा था। अपनी इस सर्विस के दौरान उन्होंने दक्षिण पूर्व रेलवे, पूर्व रेलवे, उत्तर रेलवे सहित कई रेलवे जोन के लिए काम किया। वो पूर्व रेलवे जोन के सियालदह डिवीजन में डीआरएम के पद पर भी रहीं। तब से 35 साल के अपने करियर में वो रेलवे के अलग-अलग क्षेत्रों के प्रशासन और प्रबंधन का लंबा अनुभव रखती हैं।
इस दौरान उन्होंने संचालन, सूचना प्रौद्योगिकी, वाणिज्यिक और विजिलेंस जैसे कई अहम पदों पर काम किया है। ढाका के भारतीय उच्चायोग में भी 4 साल तक उन्होंने रेलवे सलाहकार के तौर पर अपनी सेवाएँ दीं। यही नहीं उनका कोलकाता से ढाका तक चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस के रोडमैप में बनाने में भी अहम रोल रहा था। रेलवे बोर्ड की नई अध्यक्ष और सीईओ फोटोग्राफी की शौकीन हैं और इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा रही हैं।
पाकिस्तान में पहली महिला राजनयिक
इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में गीतिका श्रीवास्तव को प्रभारी डी’एफ़ेयर नियुक्त किया गया है। वो यह पद संभालने वाली पहली महिला राजनयिक हैं। वहीं उनके पाकिस्तानी समकक्ष साद वाराइच नई दिल्ली में इस्लामिक देश के नए प्रभारी होंगे। वो पाकिस्तान में भारत के वर्तमान मिशन चीफ सुरेश कुमार की जगह लेंगी उनके जल्द ही दिल्ली लौटने की उम्मीद है।
भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के 2005 बैच की अधिकारी श्रीवास्तव वर्तमान में मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स के इंडो-पैसिफिक विंग में संयुक्त सचिव के तौर पर तैनात हैं। वो जल्द ही इस्लामाबाद में अपना पद संभालेंगी।
इससे पहले, 2007-2009 की अवधि के दौरान, उन्होंने चीन में भारतीय दूतावास में दो साल तक अपनी सेवाएँ दीं। इस दौरान उन्होंने अपने विदेशी भाषा प्रशिक्षण के हिस्से के तौर पर मंडारिन सीखी। इसके बाद कोलकाता में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय और विदेश मंत्रालय में हिंद महासागर क्षेत्र डिविजन में निदेशक के तौर पर काम किया।
पाकिस्तान ने अगस्त 2019 से जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को खत्म करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों को कम करने का फैसला किया था। इसके बाद इस्लामाबाद और नई दिल्ली में भारतीय और पाकिस्तानी मिशनों का नेतृत्व उच्चायुक्तों ने नहीं किया।
उच्चायुक्तों की गैरमौजूदगी में सर्वोच्च रैंकिंग वाला राजनयिक चार्ज डी’एफ़ेयर यानी सीडीए होता है जो संयुक्त सचिव-रैंक के समकक्ष अधिकारी होता है। गीतिका मौजूदा वक्त में इसी रैंक की अधिकारी हैं। ये अधिकारी राजदूत या उच्चायुक्त की गैरमौजूदगी में अस्थायी तौर पर किसी विदेशी देश में एक राजनयिक मिशन का चीफ होता है।
पाकिस्तान ने हाल ही में पूर्व पाकिस्तानी प्रभारी सलमान शरीफ को इस्लामाबाद वापस बुला लिया था। पाकिस्तान के आतंकी संगठनों पर हुए सिलसिलेवार आतंकी हमलों के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गए हैं।
Ms. Sonali Ghosh (IFS) is to become the first woman to hold charge as the head of the 118-year-old Kaziranga National Park and Tiger Reserve.
— Environment and Ecology for UPSC 🇮🇳 (@Ecology4UPSC) August 26, 2023
She would take over from incumbent Jatindra Sarma on 1st September 2023.#DidYouKnow?
The title Kaziranga adopts its name to Karbi,… pic.twitter.com/AWt7uuNcQ8
काजीरंगा की पहली महिला क्षेत्र निदेशक
असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) को डॉ सोनाली घोष के तौर पर पहली महिला क्षेत्र निदेशक मिल गई है। उन्होंने क्षेत्र निदेशक जतिंद्र शर्मा की जगह शुक्रवार को अपना कार्य प्रभार संभाल लिया है। वो इससे पहले मुख्य वन संरक्षक पद पर अपनी सेवाएँ दे रही थीं। उनकी नियुक्ति का ऐलान 25 अगस्त को असम सरकार ने किया था।
राज्य के पर्यावरण और वन विभाग के आयुक्त और सचिव एमडी फारूक आलम ने बताया कि जतिद्र शर्मा 31 अगस्त को रिटायर हो रहे हैं। वन अधिकारियों ने कहा कि घोष 118 साल पुराने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व के प्रमुख के तौर पर में कार्यभार संभालने वाली पहली महिला बनेंगी।
यहाँ यह भी दिलचस्प बात है कि काजीरंगा का नाम कार्बी नाम की महिला के नाम पर रखा गया है। ये प्राचीन काल में यहाँ शासन करती थीं। आज महिला क्षेत्र निदेशक घोष के आने से ये इतिहास के दोहराव जैसा लग रहा है। घोष 2000-2003 आईएफएस बैच की बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली अधिकारी हैं। केएनपी को 1985 में यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है। ये केएनपी अपने एक सींग वाले गैंडों के लिए दुनिया में मशहूर है।