महाराष्ट्र के मुंबई (Mumbai) में मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की हत्या के मामले में NIA ने बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) को बताया कि इस खेल का असली मास्टरमाइंड मुंबई पुलिस का पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा (Encounter Specialist Pradeep Sharma) है।
NIA ने अपने हलफनामे में कहा कि शर्मा के पहने पर ही पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waze) ने यह साजिश रची और हिरेन को मारकर फेंक दिया। दरअसल, रिलायंस समूह (Reliance Group) के मालिक मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर ‘एंटीलिया’ के पास से विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो बरामद हुई और बाद में इस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन का शव ठाणे की खाड़ी में मिला था।
न्यायाधीश एएस चंडूरकर और जीए सनप की खंडपीठ के समक्ष दायर अपने हलफनामे में NIA ने कहा कि हिरेन एंटीलिया विस्फोटक केस का सारा राज जान गया था। इसलिए प्रदीप शर्मा ने उसे रास्ते से हटाने के लिए कहा था। उसने मामले के अन्य आरोपितों के साथ पुलिस कमिश्नर कार्यालय की इमारत में कई मीटिंग की थी और वहाँ मनसुख हिरेन को मारने की साजिश रची थी। हिरेन की हत्या के बाद इस मामले में गिरफ्तार सचिन वाजे ने प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपए दिए थे, जो कुछ हत्यारों में बाँटे गए थे।
NIA ने प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका का विरोध किया और कहा कि उसने आपराधिक साजिश, हत्या और आतंकी कृत्यों के अपराध किए हैं। इस दौरान NIA ने दलील दी कि शर्मा उस गैंग का सक्रिय सदस्य था, जिसने एंटीलिया विस्फोटक केस की साजिश रची थी।
बता दें कि इस मामले में NIA ने प्रदीप शर्मा को 17 जून 2021 को उसके अपार्टमेंट से गिरफ्तार किया था। सचीन वाजे शर्मा को अपना गुरु मानता था और उसी के आदेश पर वह काम करता था। कहा जाता है कि शर्मा के मोबाइल फोन, लैपटॉप से ही NIA को मनसुख के हत्यारों को पैसे ट्रांसफर करने के सबूत मिले थे।
प्रदीप शर्मा ठाणे के एंटी एक्सटॉर्शन सेल में काम करता था। जब 1990 के दशक में मुंबई से अंडरवर्ल्ड के सफाए के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम बनी, तब इसमें शर्मा को शामिल कर लिया गया था। इसके बाद वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट नाम से विख्यात हो गया था। बाद में उसने शिवसेना के टिकट पर चुनाव भी लड़ा। इस मामले में विनायक शिंदे भी शर्मा का बेहद खास रहा है।
बता दें कि 25 फरवरी 2021 को मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से लदी एक स्कॉर्पियो मिली थी। यह गाड़ी मनसुख हिरेन की थी। शर्मा के कहने पर वाजे ने मनसुख को इस अपराध का जिम्मा लेने का दबाव डाला था, लेकिन मनसुख इसके लिए तैयार नहीं था। बाद में 5 मार्च 2021 को मनसुख की लाश एक छोटी नदी में मिली थी।