माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद से मुख्तार अंसारी के भी खौफ में होने की बात कही जा रही है। बीजेपी विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या से जुड़े मामले में उसके खिलाफ 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट फैसला सुनाएगी। लेकिन कहा जा रहा है कि मुख्तार को गाजीपुर कोर्ट आने से डर लग रहा है। वह बेचैन है। इस समय मुख्तार यूपी की ही बांदा जेल में बंद है।
आज मुख्तार अंसारी UP के एक जिले से दूसरे जिले तक जाने में खौफ खा रहा है। लेकिन एक समय ऐसा था जब उसके आतंक से पूरा पूर्वांचल खौफ खाता था। जेल में रहते हुए भी वह आलीशान जिंदगी गुजारता था। नियम-कायदे भी उसके हिसाब से होते थे। राय की हत्या के समय उत्तर प्रदेश पुलिस में आईजी लॉ एंड ऑर्डर रहे बृजलाल के अनुसार, “गाजीपुर जेल मुख्तार अंसारी का घर हुआ करती थी। मनपसंद मछली खाने के लिए उसने जेल में ही तालाब खुदवा लिया था। शाम को जेल के भीतर ही उसका दरबार लगता था। जेल में उसने बैडमिंटन कोर्ट बना रखा था। बड़े-बड़े अधिकारी उसके साथ खेलने आते थे।”
केवल गाजीपुर जेल ही नहीं, मुख्तार की यूपी की जिस जेल में रहता वहां उसका ही कानून चलता था। उससे लोग बेरोकटोक जेल में मिलने आते थे। ऐसा ही एक वाकया लखनऊ जेल का है। शिव कुमार अवस्थी 2002-2003 में एक साल इस जेल के जेलर रहे थे। एक बार मुख्तार से मुलाकात करने आए किसी व्यक्ति को उन्होंने रोक दिया तो माफिया ने उन पर ही बंदूक ही तान दी थी। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुख्तार को 7 साल की सजा सुनाई थी। जनवरी 2023 में सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी थी। अवस्थी बताते हैं कि जेल में रहते हुए भी मुख्तार विरोधियों की हत्या करवा देता था।
पंजाब के जेल में भी कर रहा था मौज
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में भाजपा की सरकार बनी तो माफियाओं और गैंगस्टर्स के खिलाफ कार्रवाई होने लगी। जेल में मिलने वाली सुविधाओं पर नकेल कसा जाने लगा। इस बीच मुख्तार अंसारी पर पंजाब में रंगदारी का एक मामला दर्ज किया गया था और इसी आधार पर उसे पंजाब की जेल में बंद कर दिया गया। पंजाब जेल में भी मुख्तार मौज उड़ा रहा था। इसका खुलासा पंजाब के मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने किया था। उन्होंने बताया था कि फर्जी FIR दर्ज कर मुख्तार को 2 साल 3 महीने पंजाब की जेल में रखा गया। इस दौरान उसने बेल के लिए भी कोई अर्जी नहीं दी।
बैंस ने यह भी बताया था कि रोपड़ जेल में मुख्तार अपनी बीवी आफशाँ अंसारी के रहता था और उसे VIP ट्रीटमेंट दिया जाता था। UP सरकार ने 26 बार प्रोडक्शन वारंट निकाले, लेकिन उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश नहीं भेजा गया। हालाँकि बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अप्रैल 2021 में उसे पंजाब से उत्तर प्रदेश पुलिस ले गई थी।