मऊ से 5 बार विधायक रहे माफिया मुख़्तार अंसारी की मौत के 1 दिन बाद उसका बेटा उमर और बहू निखत बाँदा से शव लेकर गाजीपुर पहुँचे। चित्रकूट, कौशाम्बी और भदोही के रास्ते से काफिला गुजरा, जिसमें पुलिस की गाड़ियाँ भी बड़ी संख्या में थीं। शनिवार (30 मार्च, 2024) की सुबह उसे सुबह की नमाज के बाद सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। बाँदा मेडिकल कॉलेज में दोपहर के 2 बजे उसका पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ था। ढाई घंटे बाद परिवार को शव सौंप दिया गया। इसके बाद शव 400 किलोमीटर के सफर के लिए निकल गया।
मुख़्तार अंसारी के शव वाले काफिले में 26 गाड़ियाँ शामिल थीं, जिनमें 2 वज्र-वाहन भी थे। उधर मुख़्तार अंसारी के मौत के मामले में परिवार अब सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है। जेल में बंद अब्बास अंसारी ने माँग की है कि वो अपने अब्बा के जनाजे में शामिल होना चाहता है। उसने सुप्रीम कोर्ट से जल्द से जल्द सुनवाई की माँग की है। शुक्रवार को गुड फ्राइडे की वजह से छुट्टी थी, जिस कारण उसने वेकेशन बेंच से सुनवाई की अपील की है। रानी दुर्गावती मेडिकल मॉडल में मुख़्तार अंसारी के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ, वहीं कालीबाग कब्रिस्तान में उसे दफ़न किया जाएगा।
शव को दफ़नाने के लिए सुबह 10 बजे का समय मुक़र्रर किया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस मुद्दे पर कहा है कि जिन्होंने माफियाओं को राजनीतिक लाभ के लिए संरक्षण दिया, वो कुछ भी बयान देते रहें। उन्होंने कहा कि न्यायिक जाँच में कोई दिक्कत नहीं है, सच जानने का हक़ सबको है। उन्होंने जिक्र किया कि कैसे आजकल 25 वर्ष के युवा को भी हार्ट अटैक आ जाता है। उन्होंने पूछा कि मुख़्तार अंसारी किस कारण इतने वर्षों से जेल में था और उसे कौन संरक्षण देता था? पोस्टमॉर्टम में पुष्टि हुई है कि मुख़्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक से हुई।
अपडेट – बांदा से कर्वी के रास्ते पहाड़ी राजापुर कस्बे से गुजर कर गाजीपुर के लिए निकला मुख़्तार अंसारी के शव का काफिला। pic.twitter.com/E9DU6cKs0I
— Himanshu Rajpoot MDRH News (@Himansh95933272) March 29, 2024
उधर पाबंदियों के बावजूद मुख़्तार अंसारी के घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हैं। मुख़्तार अंसारी को वहीं दफनाया जाएगा, जहाँ उसके अम्मी-अब्बू की कब्र है। पुलिस ने सावधानी बरतते हुए मोहम्मदाबाद से मुस्लिम बहुल कमसरा को जोड़ने वाले बारा फिरोजपुर पीपा पुल को बंद कर दिया है। यहाँ एक दर्जन बड़े गाँवों में 50,000 मुस्लिम रहते हैं। इस पुल से मुख़्तार अंसारी के घर की दूरी मात्र 7 किलोमीटर है। बता दें कि कभी मुख़्तार अंसारी का रुतबा ऐसा था कि गाजीपुर जेल में उसे मछलियाँ खिलाने के लिए तालाब तक खुदवा ली गई थी, बड़े-बड़े अधिकारी उसके साथ बैडमिंटन खेलने आते थे।