पंजाब की जेल में बंद माफिया राजनेता मुख़्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार बिलकुल भी नरमी बरतने के मूड में नहीं है। मऊ से लगाकर 5वीं बार विधायक बने मुख़्तार अंसारी की बीवी और बेटों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए हैं। उसकी बीवी अफ़सा अंसारी पर भी कई मामले दर्ज हैं। मुख़्तार को पंजाब के रोपड़ जेल से यूपी लाने की कोशिशें जारी हैं। इसमें पंजाब सरकार अड़ंगा डाल रही है।
सुप्रीम कोर्ट में उसने दलील दी है कि कि वह डॉ मुख्तार अहमद अंसारी का पोता है, जो एक स्वतंत्रता सेनानी थे और 1927-28 तक कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष रहे थे। इसके अलावा वह जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के संस्थापक भी थे। अंसारी की बीवी और दोनों बेटों ने न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. ओमप्रकाश सिंह के यहाँ अपने पासपोर्ट जमा करा दिए।
उस समय इस प्रकरण की जाँच कर रहे इंस्पेक्टर भी वहाँ मौजूद थे। परिवार के साथ मुख़्तार अंसारी के भाई और सांसद अफजल अंसारी भी थे। हाईकोर्ट के आदेश पर पासपोर्ट सरेंडर करने के बाद विधायक के परिजनों ने कहा कि जब तक केस समाप्त नहीं हो जाता, तब तक वो देश से बाहर नहीं जाएँगे। गजल होटल के लिए खरीदी गई जमीन और अवैध निर्माण को लेकर उसकी बीवी व बेटों पर अलग-अलग मामले दर्ज हैं।
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख़्तार अंसारी के दोनों बेटों को अंतरिम जमानत देते हुए फरवरी 9 तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है। जमानत के दौरान लगाई गई शर्तों में ही पासपोर्ट जब्त करना भी शामिल था। बेटे अब्बास और उमर ने भी अपने पासपोर्ट सरेंडर किए। उन्हें 50 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। उन्होंने लिखित में दिया कि वो इस मामले में गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे।
पंजाब की जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर उत्तर प्रदेश सरकार ने शिकंजा कसा है #MukhtarAnsari #UttarPradesh
— AajTak (@aajtak) February 9, 2021
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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अंसारी की याचिका में कहा गया था, “प्रतिवादी ऐसे परिवार का हिस्सा है, जिसने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत बड़ा योगदान दिया है। भारत को हामिद अंसारी जैसा नेता दिया, जो उपराष्ट्रपति रहे। इसके अलावा बाबा शौकतुल्ला अंसारी ओडिशा के राज्यपाल थे। माननीय न्यायमूर्ति आसिफ अंसारी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे।”