मुंबई के एक बिल्डर ने सचिन वाजे के खिलाफ रंगदारी का मामला दर्ज कराया है। वाजे और उसके साथियों पर डरा-धमका कर रुपए वसूलने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में मुंबई पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के DGP को भी शिकायत पत्र भेजा है।
बिल्डर ने अपने पत्र में महाराष्ट्र सरकार के नेताओं और दलालों के बीच ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए चल रहे नेटवर्क को लेकर भी सवाल उठाया है। बिल्डर ने कहा है कि जब सचिन वाजे को सस्पेंड कर दिया गया है तो उसके द्वारा चलाए जा रहे रंगदारी और भ्रष्टाचार के रैकेट की जाँच होनी चाहिए। उसने बताया है कि वाजे और उसके साथियों ने उसे बार-बार धमकाया और रुपए न देने पर केस करने की धमकी दी।
बिल्डर ने बताया है कि उससे विभिन्न लोगों को लाखों रुपए देने को कहा गया और ऐसा न करने पर विभिन्न मामलों में फँसा कर जेल भेजने की धमकी दी गई। बिल्डर ने बताया कि वो ‘क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU)’ में सचिन वाजे से व्यक्तिगत रूप से मिलने भी गया था। लेकिन उसे नहीं मिलने दिया गया। उससे 5 लाख रुपए की डिमांड की गई। पैसा नहीं देने पर जेल भेजने की धमकी दी गई।
उसने वाजे के कई साथियों पर भी आरोप लगाए गए हैं। बिल्डर ने यह भी दावा किया है कि उसके पास वाजे के सहयोगियों के कॉल रिकॉर्डस भी हैं, जिन्होंने कथित तौर पर उसे पैसे की डिमांड पूरी नहीं होने पर धमकाया था।
इससे पहले यह बात सामने आई थी कि मुंबई के एक स्वर्ण व्यवसायी के कहने पर मुंबई के 5 स्टार होटल ‘ट्राइडेंट’ में वाजे के लिए 100 दिनों के लिए कमरा बुक कराया गया था। इस कमरे का मात्र 1 दिन का किराया 10,000 रुपए था। इस कमरे का नंबर 1964 है जो 19वीं मंजिल पर स्थित है। एक ट्रेवल एजेंट ने ये कमरा बुक करवाया था। ‘सुशांत सदाशिव खामकार’ नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाकर कमरा बुक किया गया था।
गौरतलब है कि एंटीलिया के बाहर विस्फोटक लदी कार रखने के मामले में वाजे एनआईए की हिरासत में है। इस कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या में भी उसकी संलिप्तता सामने आई है। वहीं, मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने वाजे को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दे रखा था।