कतर में सजा काट रहे मुंबई के दंपती ओनीबा और शरीक कुरैशी को बड़ी राहत मिली है। 2019 में कतर में ड्रग से जुड़े मामले में दोनों को 10 साल की सजा सुनाई गई थी और 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था। कतर स्थित भारतीय दूतावास ने दोनों के परिवारों को बताया है कि सभी आरोप हटा दिए गए हैं और दोनों जल्द ही मुंबई लौटेंगे।
इस जोड़े को साल 2019 के जुलाई महीने में हमाद इंटरनेशनल एटरपोर्ट से कतर प्रशासन द्वारा गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि इनके बैग से 4.1 किलो ड्रग्स बरामद किया गया था। दरअसल, ओनीबा और शरीक को धोखे में रखकर उनकी चाची तबस्सुम कुरैशी ने ड्रग्स की सप्लाई की थी। दोनों को तबस्सुम ने जबरदस्ती दूसरे हनीमून पर भेजा था और उनकी ट्रिप को स्पॉन्सर किया था। उस समय शरीक एक जापानी कंपनी के साथ काम करता था। ओनीबा को इस घटना के दौरान पता चला कि वह गर्भवती है। उसने फरवरी 2020 में जेल बेटी आयत को जन्म दिया।
मामला तब खुला जब कपल के घरवालों को तबस्सुम का मोबाइल मिला। इस मोबाइल में तबस्सुम और ड्रग्स तस्करों के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग थी। इस बातचीत में तबस्सुम में ड्रग्स की जगह ‘गुटखा’ शब्द का प्रयोग किया था। इसके बाद घरवालों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तबस्सुम को गिरफ्तार कर लिया। ओनीबा की माँ ने कहा कि वो बहुत खुश हैं। लंबे समय बाद वो अपने बच्चों को देखेंगी
शरीक के पिता शरीफ कुरैशी दोनों की गिरफ्तारी के बाद करीब 15 महीने तक कतर में ही रहे और उन्होंने एक वकील के जरिए लड़ाई लड़ी। कोर्ट द्वारा दोनों को 10 साल की जेल सुनाए जाने के बाद रिश्तेदारों द्वारा अपील की गई। 27 फरवरी 2020 को अपील कोर्ट द्वारा उनकी याचिका खारिज कर दी गई और ट्रायल कोर्ट के आदेश को सही माना। जनवरी 2021 में Court of Cassation (criminal department) ने सुनवाई में ओनीबा और शरीक के वकील द्वारा उपलब्ध करवाए गए डॉक्यूमेंट्स रिव्यू किए।
इसके बाद इस कोर्ट ने अपील स्वीकार कर ली और सजा को रोक दिया। इस कोर्ट ने कहा कि अपीलकर्ताओं का आपराधिक इरादा नहीं था और वे जब्त सामग्री से अनजान थे। कतर में भारतीय दूतावास के लेबर और कम्यूनिटी वेलफेयर डिपार्टमेंट में अस्सिटेंट सेक्शन ऑफिसर धीरज कुमार ने बताया कि अदालत के आदेश की प्रति जारी होने के बाद ओनीबा और शरीक को भारत भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी।