मुंबई की एक अदालत ने भारत में घुसपैठ करने वाले 20 बांग्लादेशियों को 8 माह की सजा सुनाई है। इन पर 4-4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर इन्हें 16 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। अदालत ने इन्हें गैर कानूनी तरीके से भारत में प्रवेश करने और फर्जी पहचान पत्र तथा अन्य कागजात बनवाने का दोषी पाया। सजा का ऐलान शुक्रवार (24 मई 2024) को हुआ।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 अक्टूबर 2023 को मुंबई की बोरीवली पुलिस को अवैध तौर पर मौजूद बांग्लादेशियों की सूचना मिली थी। पुलिस ने दबिश देकर 3 बांग्लादेशी गिरफ्तार किए। इनसे हुई पूछताछ के आधार पर नालासोपारा, विरार और पुणे से 17 और घुसपैठियों को दबोचा गया। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ जाँच कर आरोप-पत्र अदालत में पेश कर दिए थे। जाँच के दौरान पुलिस की टीमें महाराष्ट्र के कई हिस्सों के अलावा पश्चिम बंगाल तक गईं।
गिरफ्तार घुसपैठियों के पास से अवैध तौर पर बने भारतीय पहचान पत्र व अन्य कागजात बरामद हुए थे। पुणे से इन बांग्लादेशियों को भारत में बसाने और सुविधाएँ देने वाले कुछ एजेंट भी गिरफ्तार किए गए थे। उनसे हुई पूछताछ में कुछ पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आए जो घुसपैठ में मददगार थे। उन्होंने घुसपैठियों के अवैध कागजातों को तैयार करने में एजेंटों का साथ दिया था। पुणे के पुलिस कमिश्नर ने पूरे मामले की जाँच करवाई और 3 अलग-अलग थानों में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर उनके विरुद्ध विभागीय जाँच बिठा दी थी।
इन सभी के खिलाफ मुंबई के किला कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत में बचाव और अभियोजन दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी। शुक्रवार को कोर्ट ने पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को सजा के लिए पर्याप्त माना। सभी 20 बांग्लादेशी घुसपैठियों को 8-8 माह की कैद और 4-4 हजार के जुर्माने की सजा हुई। सभी घुसपैठियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। सजा पूरी होने के बाद इन्हें बांग्लादेश को सौंप दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार इनमें से कई ने भारतीय पहचान का इस्तेमाल कर पासपोर्ट भी बनवा लिए थे। इस पासपोर्ट के आधार पर ये विदेश जाने की फिराक में थे।