मुंगेर में मुस्लिमों द्वारा मनाए जाने वाले इमाम हुसैन के शहादत पर्व चेहल्लुम (चालीसवाँ) और श्री कृष्ण जन्माष्टमी को देखते हुए बिहार पुलिस के हाथ-पाँव फुले हुए हैं। चेहल्लुम पर मुस्लिमों द्वारा निकाले जाने वाले जुलुस को देखते हुए पहले से ही शहर के आठ महापुरुषों की मूर्तियों सहित 18 मंदिरों को सुरक्षा के लिहाज से बाँस-बल्ली से घेर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह दावा किया जा रहा है कि शुक्रवार (1 सितम्बर, 2023) को हुए शांति समिति की बैठक में मुस्लिमों द्वारा माँग की गई थी कि जिस रास्ते से चेहल्लुम का जुलूस निकलेगा उसमें पड़ने वाले सभी मंदिरों और मूर्तियों को सुरक्षित कर दिया जाए। ऐसी माँग की रूप रेखा एक दिन पहले ही गुरुवार (31 अगस्त, 2023) को हुए केंद्रीय पहलाम कमेटी के सचिव जफ़र अहमद की अध्यक्षता में सभी अखाडा समिति के सदस्यों की बैठक में लिया गया था। जिस पर अमल करते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने ये आदेश दिया था।
बता दें कि जिन महापुरुषों की प्रतिमा को बाँस-बल्ली से घेरा गया है, उसमें राजीव गाँधी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, महात्मा गाँधी, शिवा जी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद और भगत सिंह हैं। इसके अलावा शहर के 18 अलग-अलग हिन्दू मंदिर भी शामिल हैं जिसकी घेराबंदी की गई है। मुस्लिमों की भीड़ से डरकर इस तरह की घेराबंदी को देखते हुए मुंगेर के आम लोगों में भी आक्रोश की बात सामने आई है। वहीं बीजेपी ने भी इसका विरोध किया है।
वहीं, हिन्दू मूर्तियों और मंदिरों पर घेराव की तस्वीरें सामने आने के बाद शनिवार (2 सितम्बर, 2023) हिन्दू संगठनों ने इसका विरोध किया। बीजेपी ने मुंगेर प्रशासन के इस आदेश का विरोध करते हुए अगले 24 घंटे के अंदर इसे हटाने की बात कही है। साथ ही सोमवार तक घेराव नहीं हटने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है।
बीजेपी ने दी आंदोलन की चेतावनी
रिपोर्ट के अनुसार, मुंगेर से भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि चेहल्लुम को लेकर शहर में पहली बार महापुरुषों की प्रतिमा और मंदिरों को बाँस-बल्ली से घेरा जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा मुस्लिमों की माँग महापुरुषों को इस तरह से बंद कर देना सरासर गलत है।
विधायक ने कहा कि हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार नवरात्रि होता है। उस दौरान न जाने कितने अखाड़ा दल सदस्यों द्वारा इस रास्ते से अखाड़ा निकाला जाता है, लेकिन कहीं किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती हैं। भाजपा विधायक ने कहा कि यदि रविवार तक सभी महापुरुषों पर लगाए गए बैरिकेडिंग को नहीं हटाया तो अगले दिन भाजपा जिला प्रशासन और राज्य की नीतीश सरकार के खिलाफ आंदोलन और प्रदर्शन करेगी, जिसका जिम्मेदार पूर्ण रूप से जिला प्रशासन होगा।
वहीं, बीजेपी और स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए यह भी कहा जा रहा है कि प्रशासन द्वारा यह आदेश दिया गया है कि सभी महापुरुषों की प्रतिमा पर लगाया गया बाँस-बल्ली का घेराव हटा दिया जाए।
क्या है चेहल्लुम
बता दें कि कर्बला के मैदान में शहीद हुए इमाम हुसैन व उनके 71 अनुयायियों की शहादत के चालीस दिन बाद चेहल्लुम मनाया जाता है। इमाम हुसैन मोहर्रम की दसवीं पर शहीद हुए थे, चालीसवें पर मुस्लिम समुदाय के लोग उनके और उनके साथियों की शहादत को याद करते हुए मातम मनाते हैं।
गौरतलब है कि इस बार मुंगेर में चेहल्लुम पर 28 लाइसेंस प्राप्त अखाड़ा दलों द्वारा इमाम हुसैन की शहादत की याद में चेहल्लुम का जुलुस निकालने की तैयारी है। 6 और 7 सितम्बर को जन्माष्टमी है और उसी रात 11 बजे से ही चेहल्लुम का जुलुस निकलना शुरू हो जाता है। इस साल 7 सितंबर को चेहल्लुम मनाया जाएगा और 8 सितंबर की सुबह विसर्जन किया जाएगा।