उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बाद अब जम्मू-कश्मीर के पूंछ जिले में डीजे को ‘गैर-इस्लामी’ घोषित कर दिया गया है। यहाँ पर इस्लामी विद्वानों ने निकाह समारोहों के दौरान गीत-संगीत, डीजे और ढोल बजाने के खिलाफ फतवा जारी किया है। यह फतवा मेनकोट में जारी किया गया है। इस दौरान मौलवियों ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी परिवार निकाह के दौरान संगीत बजाता है तो निकाह या नमाज-ए-जनाजा नहीं किया जाएगा।
इस फतवा के बाद मुस्लिमों में आक्रोश फैल गया है। फतवे पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। भाजपा नेता युद्धवीर सेठी ने टाइम्स नॉउ से बातचीत में आश्चर्य व्यक्ति किया। उन्होंने कहा कि ये फतवा क्यों नहीं जारी किया गया कि जम्मू-कश्मीर के बच्चे ‘बंदूक छोड़ें और लैपटॉप उठाएँ’ और शिक्षा लेकर अच्छी कमाई करें। जम्मू-कश्मीर भाजपा के उपाध्यक्ष ने पूछा, “उन्हें उन लोगों से समस्या क्यों है, जो डीजे आदि का काम करते हैं और जीविकोपार्जन करते हैं?”
गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में उलेमाओं ने कहा था कि जिस शादी में नाच-गाना होगा और डीजे बजेगा, उसमें वे निकाह नहीं पढ़ाएँगे। उलेमाओं ने कहा था कि इस्लाम में नाच-गाना और डीजे बजाने की कोई जगह नहीं है। ऐसे में जो लोग इस्लाम के नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। यह फतवा उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले की स्वर तहसील के खेमपुर गाँव में ‘रज-ए-मोहम्मद मुस्तफा’ नामक इस्लामी संगठन ने दिया था।
दहेज और डीजे डांस पार्टियों को ‘गैर-इस्लामी’ करार देते हुए मौलवियों की समिति ने कहा था कि निकाह में जो भी इस फतवे को नहीं मानेगा उनके परिवार में किसी की अमृत होने पर भी मौलवी वहाँ दसवें, तीजे, बीसवें, चालीसवें और कफन-दफन तक में शामिल नहीं होंगे। इन निर्णयों का पालन हो इसके लिए आसपास के क्षेत्रों में हर एक गाँव में एक कमेटी भी बनाई गई।