साईन और मनोज का प्यार परिवार को कबूल नहीं था। समाज भी विरोध कर रहा था। आखिर में साइन ने हिंदू धर्म स्वीकार किया। नीलम बनी। गुरुवार (15 दिसंबर 2022) को मनोज के साथ मंदिर में अग्नि के फेरे लिए। मामला उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के सितारगंज का है।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक सितारगंज के रहने वाले मनोज और साईन पड़ोसी हैं। दोनों बचपन से ही एक साथ रहे हैं। पढ़ाई-लिखाई साथ हुई है। इस दौरान दोनों में नजदीकी बढ़ती चली गई। दोनों ने साथ रहने का फैसला किया। दोनों ने एक-दूसरे को पसंद करने की जानकारी अपने स्वजनों को दी। लेकिन अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखने की वजह से परिवार के बड़े बुजुर्गों ने शादी की अनुमति नहीं दी। दोनों ने अपने परिजनों को मनाने की कई कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने।
आखिरकार साईन और मनोज ने घर से दूर जाने का फैसला कर लिया। बाद में परिजनों ने दोनों की खोजबीन की और दोनों को वापस ले आए। लेकिन साईन ने स्पष्ट कर दिया कि वह मनोज का साथ नहीं छोड़ेगी। स्थानीय लोगों ने दोनों परिवार के लोगों को समझाया। इसके बाद शहर के खटीमा मार्ग स्थित मौनी बाबा मंदिर में साईन ने सनातन धर्म स्वीकार कर लिया। साईन ने साथ ही अपना नाम बदलकर नीलम रख लिया। दोनों ने मंदिर में अग्नि को साक्षी मानकर फेरे लिए।
ऐसा ही एक मामला मार्च 2021 में बिहार के बेगूसराय जिले से आया था। यहाँ मजहब की दीवार को तोड़ते हुए एक मुस्लिम लड़की ने हिंदू लड़के सोहन कुमार दास से शादी की। झारखंड के हजारीबाग जिले की रहने वाली लड़की का नाम साहिला परवीण था। सहिला ने भी सनातन धर्म अपनाया और अपना नाम बदलकर शालिनी कुमारी रख लिया। बेगूसराय के नौलखा मंदिर में यह शादी हुई थी। सोहन हजारीबाग काम करने गया था, वहीं पर उसकी मुलाकात साहिला से हुई थी। प्यार होने के बाद सोहन के साथ साहिला परवीण बेगूसराय पहुँची और मंदिर में शादी रचाई।