उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में एक मुस्लिम लड़की ने घर वापसी की है। लड़की का नाम मंतशा है जो अब मानसी मौर्य नाम से जानी जाएँगी। मानसी ने आशीष मौर्य नाम के हिंदू लड़के को अपने पति के तौर पर चुना। दोनों ने जिले के ही एक मंदिर में वैदिक विधि-विधान से शादी की। मंतशा ने बताया कि उन्हें शुरू से ही इस्लाम मजहब पसंद नहीं था। ऐसे में जब उनकी बात आशीष से होना शुरू हुई तो उन्हें हिन्दू धर्म को समझने का मौका मिला। धीरे-धीरे उन्हें सनातन संस्कार पसंद आने लगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विवाह रविवार (25 फरवरी 2024) को रायबरेली जिले के थानाक्षेत्र सलोन में हुआ। यहीं के एक गाँव में मंतशा और आशीष अपने परिजनों के साथ रहते थे। बचपन से ही दोनों में बातचीत होती थी जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। जब यह बात मंतशा के परिजनों को पता चली तो उन्होंने तमाम पाबंदियाँ लगानी शुरू कर दीं। मंतशा ने अपने परिजनों को आशीष मौर्य से शादी के लिए मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। इस बीच आशीष मौर्य ने भी अपनी तरफ से मंतशा से शादी की कोशिशें शुरू कर दीं थीं।
बताया जा रहा है कि 25 फरवरी (रविवार) को मंतशा जैसे-तैसे अपने घर से निकलने पर कामयाब रही। रास्ते में उसे आशीष मौर्य मिले। दोनों सीधे रायबरेली के बेनी माधव हनुमान मंदिर पहुँचे। यहाँ आसपास के कुछ ग्रामीण और हिन्दू संगठन के कुछ सदस्य भी मौजूद थे। दोनों ने बजरंगबली की मूर्ति के आगे एक दूसरे को जयमाला पहनाई। इसके बाद आशीष ने मंदिर में ही मंतशा की माँग भरी। इस दौरान मंदिर में मौजूद अन्य लोगों ने जय श्री राम का उद्घोष किया और पति-पत्नी को सदा सुखी रहने का आशीर्वाद दिया।
शादी के बाद मंतशा बेहद खुश नजर आईं। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा- “हमें उनसे (आशीष) प्यार था इसलिए हमने शादी कर ली।” मंतशा ने यह भी दावा किया कि उनको इस्लाम नहीं बल्कि हिन्दू धर्म पसंद है। मंतशा ने कहा कि उनके घर वाले इस रिश्ते से खुश नहीं हैं। वह शादी के बाद आशीष मौर्य के साथ चली गईं हैं। आशीष ने भी मीडिया से बताया कि उनके परिजन भी इस शादी से खुश नहीं थे जिसकी वजह से उन्हें मंदिर में विवाह करना पड़ा।