नरेंद्र मोदी की विकास वाली नीतियों से प्रभावित होकर राँची स्थित चान्हो की रहने वाली मुस्लिम महिला सहाना खातून ने भाजपा को वोट दे दिया। वोट देकर लौटने के बाद उन्होंने इस बात की चर्चा अन्य महिलाओं से की। जब ये ख़बर उसके ससुराल वालों तक पहुँची तो उसके घर के सभी सदस्य आग-बबूला हो गए। उसके पति कुदुस अंसारी ने सहाना की जम कर पिटाई कर दी। साथ ही उसने यह हिदायत भी दी कि आगे से वह उसी को वोट देगी, जिसे देने को कहा जाएगा। यह इलाका लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में पड़ता है। लोहरदगा से पिछले 10 वर्षों से सुदर्शन भगत सांसद हैं। 2009 और 2014 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले सुदर्शन भगत अभी मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री हैं। उन्हें जनजातीय कार्य मंत्रालय दिया गया है।
लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में 29 अप्रैल को चौथे चरण के अंतर्गत मतदान हुआ था। उसी दौरान सहाना खातून ने भाजपा को वोट दे दिया। उसने ऐसा परिजनों की इच्छा के विरुद्ध किया था। दैनिक जागरण की ख़बर के अनुसार, जैसे ही उसके ससुराल वालों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने सहाना को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पति व ससुराल वालों ने उसे ताने कसे। शाम को पति ने गाँव के एक अन्य युवक के साथ मिलकर सहाना की पिटाई कर दी। इसके बाद उसने चान्हो थाना पहुँच कर गुहार लगाई है। अपने बयान में सहाना ने बताया कि ओसामा नाम के व्यक्ति ने उसकी पिटाई की। ओसामा के पिता का नाम हसन है। ओसामा ने सहाना से कहा कि तुम मुस्लिम समुदाय में रहने लायक नहीं हो।
सहाना ने बताया कि उसका पति लगातार उसे तंग कर रहा था और मर्जी के ख़िलाफ़ वोट देने को लेकर सवाल पूछ रहा था। जब महिला ने कहा कि वोट अपनी मर्जी से दिया जाता है, तो वह बदतमीजी पर उतर आया। ओसामा और कुदुस ने पीड़िता की लाठी-डंडे से पिटाई की। उसके पति ने उससे घर छोड़ कर जाने को कहा। इसके बाद डरी-सहमी सहाना अपने बच्चों संग मायके चली गई। थाना प्रभारी ने कहा कि मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और दोषियों पर जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि तीन तलाक़ जैसे कई मुद्दों पर भी मोदी सरकार को मुस्लिम महिलाओं का साथ मिल रहा है।
रविवार (मई 5, 2019) को उत्तर प्रदेश के भदोही में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश भर की मुस्लिम महिलाओं को सन्देश देते हुए कहा था, “मुस्लिम बहनों से एक बात कहना चाहता हूँ। आज कई मुस्लिम देशों में तीन तलाक़ की परंपरा नहीं है। हम भी भारत की मुस्लिम बहनों को वही अधिकार देना चाहते हैं। हम किसी की धार्मिक भावनाओं का अनादर नहीं करते हैं। महिलाओं को समान अधिकार मिले, इसके लिए हम लगातार काम कर रहे हैं।“