Sunday, December 22, 2024
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असम में अब काजी नहीं सरकार करेगी मुस्लिमों के निकाह रजिस्ट्रेशन, हिमंता सरकार लाई बिल: बोले CM – इससे रुकेंगे बाल विवाह

CM हिमंता बिस्वा ने साफ किया है कि इस कानून से मुस्लिमों के निकाह के तौर तरीके में कोई दखल नहीं होगा, केवल काजियों के पंजीकरण का अधिकार खत्म किया गया है। इससे पहले असम सरकार ने पुराना मुस्लिम मैरिज एक्ट खत्म करने का निर्णय लिया था।

असम में अब मुस्लिम निकाह को काजी नहीं पंजीकृत कर पाएँगे। मुस्लिम निकाह को भी अब सरकारी दफ्तरों में ही पंजीकृत करवाना होगा। असम की हिमंता बिस्वा सरकार इसके लिए एक कानून लेकर आई है। इसे असम की कैबिनेट ने मंजूरी दी है और इसे अब विधानसभा में पेश किया जाएगा।

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस बिल के विषय में जानकारी भी दी है। इस बिल पर गुरुवार (22 अगस्त, 2024) से शुरू हो रहे असम विधानसभा सत्र में चर्चा होगी। असम CM हिमंता बिस्वा ने बताया, “मुस्लिम निकाहों को पहले काजी रजिस्टर करते थे, अब से सरकार इन्हें रजिस्टर करेगी। पहले के क़ानून में यह भी प्रावधान था कि नाबालिग का भी निकाह पंजीकृत हो जाता था लेकिन अब यह नहीं होगा। हम दो यही प्रावधान ला रहे हैं। हम बाल विवाह की समस्या को खत्म करना चाहते हैं।”

CM हिमंता बिस्वा ने साफ किया है कि इस कानून से मुस्लिमों के निकाह के तौर तरीके में कोई दखल नहीं होगा, केवल काजियों के पंजीकरण का अधिकार खत्म किया गया है। इससे पहले असम सरकार ने पुराना मुस्लिम मैरिज एक्ट खत्म करने का निर्णय लिया था, इसके तहत ही काजियों को मुस्लिमो के निकाह को पंजीकृत करने का अधिकार दिया गया था। असम सरकार इसे खत्म करने के लिए एक बिल लाएगी, इसे भी इसी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।

असम की हिमंता बिस्वा सरकार का मुस्लिम निकाहों में काजी के दखल खत्म करने के निर्णय के पीछे असम में बड़ी सँख्या में हुए बाल विवाह हैं। हिमंता बिस्वा सरकार अब राज्य में बाल विवाह को पूरी तरह से रोकना चाहती है। इससे पहले सरकार ने बीते वर्ष बाल विवाह पर कार्रवाई भी की थी। असम सरकार ने 3000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।

असम की हिमंता बिस्वा सरकार ने मुस्लिम निकाह सम्बन्धी कानून के साथ ही एक और कानून को मंजूरी दी है। इसके तहत 250 वर्षों से अधिक पुराने स्मारकों के आसपास का 5 किलोमीटर का इलाका संरक्षित किया जाएगा। इस इलाके में जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगेगी। यहाँ वही लोग जमीन बेच सकेंगे जो तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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