हरियाणा के मेवात में एक गाँव के अंदर दलित उत्पीड़न का मामला सामने आया है। यहाँ नूहं जिले में जुबैर, अंसार, इम्तियाज, कामिल, जाबिर और शकील पर साथियों सहित दलित पति-पत्नी की पिटाई का आरोप लगा है। दावा है कि पिटाई के दौरान पीड़ितों को जातिसूचक शब्द बोले गए और उनसे लूटपाट की गई। घटना रविवार (16 जून 2024) की है। ऑपइंडिया से बातचीत में पीड़िता ने बताया कि घटना के बाद उनके पति डिप्रेशन में हैं। हालाँकि, स्थानीय बिछोर थाने के SHO का कहना है कि उनको इस मामले के बारे में कुछ भी नहीं पता।
यह मामला नूहं के थाना क्षेत्र बिछोर का है। यहाँ रविवार को अर्चना सागर ने शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में अर्चना ने बताया कि वह 16 जून को अपनी ससुराल से अपने पति परवीन राय के साथ मायके झारोकड़ी गाँव आ रहीं थीं। जैसे ही वो गाँव की बड़ी मस्जिद के पास पहुँची तो उनकी कार को जुबैर, अंसार, इम्तियाज, कामिल, जाबिर और शकील ने रोक लिया। इनके साथ 3 अन्य अज्ञात लोग भी बताए जा रहे हैं। इन सभी ने अर्चना को कार में से खींच लिया। हमलावरों द्वारा अर्चना के पति परवीन को भी लात घूँसों से पीटा जाने लगा।
शिकायत में आगे बताया गया है कि कुछ देर बाद आरोपितों ने अर्चना के कपड़े फाड़ डाले। पीड़िता ने अपने पिता डालचंद को फोन कर के मदद के लिए बुलाया। इस दौरान आरोपितों ने एकजुट हो कर लड़की के पिता को फिर से पीटा। तब तक हमलावरों की तादाद लगभग 20 हो चुकी थी। परिवार वालों को पिटता देख कर अर्चना का भाई भी बीच-बचाव में पहुँचा तो उसकी भी पिटाई हुई। आरोप है कि इस दौरान हमलावरों ने अर्चना का मंगलसूत्र और अंगूठी के साथ उनके पति के गले से सोने की चेन खींच ली।
पीड़िता के मुताबिक, उनको पीटने के दौरान आरोपितों ने उन्हें गंदी-गंदी गालियाँ दीं और जातिसूचक शब्द बोले। हमलावरों ने कहा, “च$रों, तुम्हारी इतनी औकात कहाँ है तुम गाड़ी में बैठ कर हमारे सामने निकलो। च$रों जो तुम पर हो वो कर लेना।” पीड़ित परिवार ने जान बचाने के लिए 112 नंबर डायल कर के पुलिस को बुलाया। पुलिस को आता देख कर आरोपित भाग निकले। पीड़िता ने अपनी शिकायत में सभी हमलावरों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। ऑपइंडिया के पास शिकायत कॉपी मौजूद है।
कार से बाइक टकराना बना झगड़े की वजह
ऑपइंडिया ने पीड़िता अर्चना से बात की। अर्चना ने हमें बताया कि उनकी शादी मई 2024 में हुई थी। वो अपने पति के साथ ससुराल से पहली बार मायके आ रहीं थीं। रास्ते में गाँव के एक पतले से रास्ते पर मुस्लिम समुदाय के एक युवक की बाइक उसके कार से टकरा गई थी। हालाँकि, दोनों पक्षों में से किसी का कोई खास नुकसान नहीं हुआ और सभी अपने-अपने रास्ते पर आगे बढ़ गए। अर्चना का दावा है कि इसी वजह से उनकी और उनके पति की पिटाई की गई।
उन्होंने हमें यह भी बताया कि पिटाई के बाद से उनके पति डिप्रेशन में हैं। पति-पत्नी दोनों को चोटें आईं हैं जिसका इलाज चल रहा है।
‘हम SC (अनुसूचित जाति) के हैं, हमारा कार से चलना उन्हें रास न आया’
अर्चना ने अपने गाँव को मुस्लिम बहुल बताया। उन्होंने कहा कि गाँव में लगभग 90% मुस्लिम आबादी है और उन्ही लोगों का ही दबदबा है। M.Sc तक पढ़ाई कर चुकीं अर्चना ने कहा कि वो लोग दलित समुदाय से हैं जो मुस्लिमों की उनके खिलाफ नाराजगी की खास वजह है। पीड़िता का कहना है कि SC वर्ग के लोगों का कार से चलना और अच्छी पढ़ाई-लिखाई गाँव के बहुसंख्यक मुस्लिमों को रास नहीं आती।
मुझ पर बनाया जा रहा समझौते का दबाव
पीड़िता ने बताया कि 17 जून (सोमवार) को उनके गाँव में पुलिस आई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान उनकी एक भी नहीं सुनी गई और पुलिस ने आरोपितों का ही पक्ष लिया। बकौल अर्चना, गाँव में आए पुलिसकर्मी ने इसे छोटा-मोटा झगड़ा बता कर उन पर समझौते का दबाव बनाया।
इशारा दे कर भगाए गए हमलावर
लड़की के पिता डालचंद का एक वीडियो ऑपइंडिया के पास आया है। इस वीडियो में उनका आरोप है कि गाँव के ही कुछ लोगों ने हमलावरों को इशारा कर के भगा दिया। उन्होंने बताया कि न सिर्फ उनकी बेटी और दामाद बल्कि खुद उन्हें और उनकी पत्नी सहित पूरे परिवार को हमलावरों ने पीटा है। डालचंद की पत्नी को तो आरोपित घसीट कर कहीं और ले जा रहे थे। जैसे-तैसे उन्होंने खुद को छुड़ाया। पीड़ित परिवार ने पुलिस से गुजारिश की है कि उनका केस दर्ज कर के आरोपितों पर एक्शन लिया जाए।
पुलिस को कुछ भी नहीं पता
ऑपइंडिया ने इस मामले में बिछोर थाने के SHO को सम्पर्क किया। घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “पता नहीं भाई।” दोबारा हमने पूछा कि क्या आपको सच में नहीं पता? इस पर उन्होंने फिर कहा, “मुझे कुछ भी नहीं पता।” हमने इस घटना पर जानकारी के लिए नूहं के एडिशनल एसपी को सम्पर्क किया तो उनका फोन उठा नहीं। पुलिस की तरफ से घटना पर कोई आधिकारिक वर्जन आने के बाद उसे खबर में अपडेट किया जाएगा।