Sunday, December 22, 2024
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‘नमाजी टोपी पहने बच्चे कर रहे पढ़ाई, पोंछ दिया हिन्दू छात्रों का तिलक’: बिजनौर में शिक्षिका आएशा के खिलाफ शुरू हुई जाँच, जुमे के दिन बच्चों को ले जाया जाता है मस्जिद

इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने माना कि स्कूल में नमाज़ी टोपी लगा कर आना सही नहीं है। बकौल प्रिंसिपल स्कूल के मुस्लिम टीचर ही अपने समुदाय के छात्रों को टोपी पहन कर आने के लिए कहते हैं।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक सरकारी स्कूल में मुस्लिम छात्रों का नमाज़ी टोपी पहन कर पढ़ाई करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है। आरोप है कि टोपी लगा कर स्कूल आने का फरमान उन्हें उनके ही स्कूल के एक मुस्लिम टीचर ने सुनाया है। इन बच्चों को जुमे के दिन यानी शुक्रवार को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिए भी ले जाया जाता है। बताया यह भी जा रहा है कि इसी स्कूल में हिन्दू बच्चों को तिलक लगा कर आने पर टोका भी गया है। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस पूरे मामले में जाँच के आदेश दिए है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला बिजनौर जिले के बनेड़ा स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय का है। यहाँ पढ़ने वाले कुछ हिन्दू छात्रों ने शिकायत की है कि जब वो स्कूल में तिलक लगा कर गए तो उसे पोंछ दिया गया। यह आरोप स्कूल की टीचर आएशा पर लगा है। मयंक नाम के छात्र का यह भी कहना है कि जब उन्हीं के कई मुस्लिम सहपाठी नमाज़ी टोपी पहन कर स्कूल आते हैं तो उनको कोई नहीं रोकता। कुछ अन्य हिन्दू बच्चों के परिजनों की भी यही शिकायत है।

इस मामले के सामने आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी आपत्ति उठाई है। आरएसएस के खंड कार्यवाह रोहित ने बताया कि स्कूल के कुछ छात्र उनकी शाखा में भी आते है। इन बच्चों ने यहाँ खुद को स्कूल टीचर आएशा के दोहरे भेदभाव से पीड़ित बताया। बकौल रोहित स्कूल के कुछ मुस्लिम छात्रों को तो स्कूल टाइम में ही जुमे (शुक्रवार) के दिन पास की एक मस्जिद में भी नमाज़ के लिए ले जाया जाता है। रोहित ने इस पूरे मामले की जाँच और कार्रवाई की माँग उठाई है।

इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल का भी बयान सामने आया है। उन्होंने माना कि स्कूल में नमाज़ी टोपी लगा कर आना सही नहीं है। बकौल प्रिंसिपल स्कूल के मुस्लिम टीचर ही अपने समुदाय के छात्रों को टोपी पहन कर आने के लिए कहते हैं। प्रिंसिपल ने यह स्वीकार किया कि शुक्रवार के दिन मुस्लिम छात्र पास की मस्जिद में नमाज़ पढ़ने के लिए जाते हैं। ये बच्चे स्कूल के मुस्लिम टीचरों के साथ मस्जिद में जाते हैं। प्रिंसिपल ने बताया कि उन्होंने तमाम सीनियर अधिकारियों को इसकी सूचना भेज दी है।

इस मामले में बिजनौर के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) का भी बयान सामने आया है। उन्होंने बताया कि मिली शिकायत का संज्ञान ले लिया गया है और जाँच शुरू कर दी गई है। बकौल BSA जाँच के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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