मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट ने आरोपित ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने 4 फरवरी को सजा पर बहस पूरी कर ली थी। इसके बाद 11 फरवरी सजा की तारीख तय की गई थी। मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड देश के चर्चित यौन उत्पीड़न कांडों में से एक होने के कारण पूरे देश की नजर आरोपितों की सजा पर टिकी हुई थी।
Muzaffarpur shelter home case: Delhi’s Saket Court awards life term to accused Brajesh Thakur for the remainder of his life. pic.twitter.com/2YX9Ghpj8L
— ANI (@ANI) February 11, 2020
दिल्ली साकेत कोर्ट ने इस मामले के ‘किंगपिन’ और दोषी करार दिए गए ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह प्रकरण मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट के बाद सामने आया था। इस मामले में साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपितों के खिलाफ पॉक्सो (POCSO), बलात्कार, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं में आरोप तय किया था।
ब्रजेश ठाकुर के अलावा बालिका गृह की अधीक्षक इंदु कुमारी, बालिकागृह की गृह माता मीनू देवी, चंदा देवी, काउंसलर मंजू देवी, नर्स नेहा कुमारी, केस वर्कर हेमा मसीह, सहायक किरण कुमारी, तत्कालीन सीपीओ रवि कुमार, सीडब्लूसी के अध्यक्ष दिलीप कुमार, सीडब्लूसी के सदस्य विकास कुमार, ब्रजेश ठाकुर का ड्राइवर विजय तिवारी, कर्मचारी गुड्डू पटेल, कृष्णा राम, बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह, बालिकागृह के डॉक्टर अश्विनी, साइस्ता परवीन उर्फ मधु को अदालत ने दोषी करार दिया था।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। तब से इस मामले की सुनवाई साकेत कोर्ट में चल रही थी और अब जाकर आखिरकार इसमें फैसला सुनाया गया। अदालत ने इस मामले में मार्च 20, 2018 को आरोप तय किए थे।