महाराष्ट्र के नासिक स्थित त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर परिसर का बुधवार (17 मई, 2023) को शुद्धिकरण किया गया। कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मंदिर के प्रवेश द्वार और परिसर में नारियल फोड़ा व जल छिड़क कर शुद्धिकरण की प्रक्रिया पूरी की। दरअसल, 13 मई को कुछ मुस्लिम मंदिर में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे। हालाँकि, सुरक्षा में तैनात जवानों ने उन लोगों को शिवलिंग के पास नहीं पहुँचने दिया।
मुस्लिमों के जबरन त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दाखिल होने की घटना से कई हिंदू संगठन के लोग भी नाराज हैं। हिंदू महासंघ समेत कई संगठन के लोगों ने मंदिर पहुँचकर अपना विरोध जताया। कार्यकर्ताओं ने मंदिर के द्वार और परिसर का शुद्धिकरण किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग की। बता दें कि मंदिर से कुछ ही दूरी पर मुस्लिमों के उर्स का प्रोग्राम चल रहा था। इसके लिए जुलूस निकाला गया था।
विवाद बढ़ने के बाद जुलूस के आयोजकों ने सफाई दी है कि उनके पूर्वज भी बाहर से ही भोलेनाथ को चादर दिखाते थे। उर्स आयोजकों का कहना है कि उन्होंने पूर्वजों की परंपरा का पालन करने की कोशिश की। उनका उद्देश्य मंदिर में दाखिल होना या शिवलिंग पर चादर चढ़ाना नहीं था। हालाँकि, हिन्दू संगठन के लोग इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। लोगों का कहना है कि इस तरह के रिवाज के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
नासिक के त्र्यंबकेश्वर मंदिर विवाद में नया मोड़ #Nasik #Temple | @pankajcreates, @SwetasinghAT pic.twitter.com/8UEg7bCFTF
— AajTak (@aajtak) May 17, 2023
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने पूरे मामले की जाँच के लिए एसआईटी का गठन किया है। राज्य के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि एसआईटी ताजा मामले के साथ-साथ इस तरह के पुराने मामलों की भी जाँच करेगी।
इसके पहले मंदिर प्रशासन ने मंदिर में जबरन दाखिल होने वाले मुस्लिमों के खिलाफ FIR दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था। मंदिर प्रशासन द्वारा दी गई शिकायत में लिखा गया है कि त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। सदियों से जारी परंपरा के अनुसार मंदिर में सिर्फ हिन्दुओं को ही प्रवेश देने की अनुमति रही है, जिनकी हिन्दू धर्म में आस्था नहीं है उनका मंदिर में प्रवेश वर्जित है।
देवस्थान ट्रस्ट का कहना है कि इस तरह की घटना से सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुँच सकता है। आगे इस तरह की घटना न हो इसके लिए प्रशासन से व्यवस्था करने की अपील की। महादेव का यह मंदिर नीलगिरि, ब्रह्मगिरि और कलागिरि की पहाड़ियों के बीच में स्थित है। मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हुए 3 लिंग स्थापित हैं। मुग़ल बादशाह औरंगजेब द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद पेशवा बालाजी बाजीराव ने इसका पुनर्निर्माण करवाया था।