Sunday, November 17, 2024
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नेशनल हेराल्ड मामले में गाँधी परिवार को लगा झटका, ED ने जब्त की पंचकूला स्थित प्रॉपर्टी

इसके पहले ED ने पिछले साल गुरुग्राम और पंचकूला में ₹64 करोड़ मूल्य की कई संपत्तियों को अटैच करने का आदेश दिया था। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जब्‍त की गई यह संपत्ति नेशनल हेराल्‍ड और एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड से संबंधित है।

ऐसा लगता है जैसे कॉन्ग्रेस परिवार के अच्छे दिनों को किसी की नजर लग चुकी है। एक ओर कॉन्ग्रेस पार्टी के तमाम नेता अपने युवा अध्यक्ष राहुल गाँधी को इस्तीफ़ा वापस करने के लिए मनाने को लेकर संघर्षरत नजर आ रही है वहीं नेशनल हेराल्ड मामले में भी कुछ ऐसे मोड़ आ रहे हैं, जिन्हें सुनकर गाँधी परिवार को अच्छा नहीं महसूस होगा।

नेशनल हेराल्ड केस में गाँधी परिवार को बड़ा झटका लगा है। रिपोर्टस के अनुसार, ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने इस मामले में पंचकूला में स्थित प्रॉपर्टी जब्त कर ली है। इसके पहले ED ने पिछले साल गुरुग्राम और पंचकूला में ₹64 करोड़ मूल्य की कई संपत्तियों को अटैच करने का आदेश दिया था। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से जब्‍त की गई यह संपत्ति नेशनल हेराल्‍ड और एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड से संबंधित है।

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से बुधवार (मई 29, 2019) को जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, हरियाणा के पंचकूला के सेक्‍टर 6 के प्‍लॉट नंबर सी-17 को जब्‍त किया गया है। ED के मुताबिक, हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा अवैध तरीके से एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड (AJL) को यह संपत्ति आवंटित की गई थी। नेशनल हेराल्ड केस में ED ने पिछले साल दिसंबर में इस प्रॉपर्टी को अटैच करने के लिए आदेश जारी किया था।

बता दें, जब जमीन अलॉट की गई थी तब तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे, जबकि मोती लाल वोहरा एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड (AJL) हाउस के चेयरमैन थे। दोनों के खिलाफ दिसंबर 01, 2018 को चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी।

आखिर क्या है पूरा मामला?

अगस्त 24, 1982 को पंचकूला सेक्टर-6 में 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी -17 तत्कालीन सीएम चौधरी भजनलाल ने अलॉट कराया था। कंपनी को इस पर 6 माह में निर्माण शुरू करके 2 साल में काम पूरा करना था, लेकिन कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। अक्टूबर 30, 1992 को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) ने अलॉटमेंट कैंसिल करके प्लॉट को रिज्यूम कर लिया।

जुलाई 26, 1995 को मुख्य प्रशासक HUDA ने एस्टेट ऑफिसर के आदेश के खिलाफ कंपनी की अपील खारिज कर दी। मार्च 14, 1998 को कंपनी की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन HUDA को प्लॉट का अलॉटमेंट बहाली के लिए अपील की। मई 14, 2005 को चेयरमैन HUDA ने अफसरों को AJL कंपनी के प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएँ तलाशने को कहा, लेकिन कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफतौर पर इन्कार कर दिया।

अगस्त 18, 1995 को फ्रेश अलॉटमेंट के लिए आवेदन माँगे गए। इसमें AJL कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। अगस्त 28, 2005 को हुड्डा ने AJL को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट करने की फाइल पर साइन कर लिए। साथ ही कंपनी को 6 माह में निर्माण शुरू करके 1 साल में काम पूरा करने को भी कहा गया। सीएम HUDA ने भी पुरानी रेट पर प्लॉट अलॉट करने के आदेश दिए।

एसोसिएटड जर्नल लिमिटेड (AJL) के अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का आरोप है। इस मामले में सतर्कता विभाग ने मई 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर केस दर्ज किया गया है। यह मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) की शिकायत पर दर्ज हुआ है, चूँकि मुख्यमंत्री HUDA के पदेन अध्यक्ष होते हैं। यह गड़बड़ी हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ है। हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) को करीब ₹62 लाख का नुकसान पहुँचाए जाने का आरोप है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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