छत्तीसगढ़ के काँकेर में ज़िले में नक्सलियों ने मंगलवार (अगस्त 27, 2019) को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी। 40 वर्षीय संघ कार्यकर्ता दादू राम कोरटिया को नक्सलियों ने पहले तो आवाज़ देकर घर से बाहर निकाला और फिर गोली मार कर हत्या कर दी। दुर्गुकोंदल स्थित कोंडेगाँव में हुई इस घटना की पुलिस ने भी पुष्टि की है। ख़बर के अनुसार, रात 10.30 के क़रीब 25 के लगभग नक्सलियों ने उनके घर के बाहर जमा होकर उन्हें आवाज़ लगाई।
दादू मैकेनिकल इंजीनियर थे। उन्हें साल भर पहले भी मारने का प्रयास किया गया था। सम्भलपुर के सरपंच रहे दादू की पत्नी पेशे से नर्स हैं। नक्सलियों ने इससे पहले उन्हें कई बार हिदायत दी थी कि वे सुरक्षा बलों से नजदीकी न बढ़ाएँ। वह काफ़ी धार्मिक विचार वाले व्यक्ति थे और इलाक़े में उन्होंने कई मंदिर भी बनवाए हैं।
गोली मारने से पहले नक्सलियों ने संघ कार्यकर्ता पर कुल्हाड़ी से वार भी किया। घटना के समय दादू राम की पत्नी भी वहीं पर मौजूद थी। एक और जानने लायक बात है कि नक्सलियों ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को लेकर विरोध जताया। उन्होंने घटनास्थल पर इससे सम्बंधित पर्चे भी छोड़े। नक्सलियों ने पर्चे में भाजपा और आरएसएस को दलित और आदिवासी विरोधी बताया।
नक्सलियों ने अपने पर्चे में लिखा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करना मोदी सरकार की तानाशाही और हिटलरशाही को दिखाता है। नक्सलियों ने दादू राम को मारने का कारण बताते हुए लिखा कि वह भाजपा और संघ से जुड़े हुए थे, इसीलिए उन्हें मारा गया। नक्सलियों ने केंद्र सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ 30 अगस्त को बंद का भी ऐलान किया है।
छत्तीसगढ़ : नक्सलियों ने आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या की, कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में पर्चे फेंके
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) August 28, 2019
https://t.co/jkglDx2YRM #Naxali #RSS #Kashmir #article370removed pic.twitter.com/007y5O3ZRY
हाल ही में कुछ दिनों पहले कांकेर में ही कोयलीबेड़ा में नक्सलियों ने ‘जन अदालत’ लगा कर एक युवक की हत्या कर दी थी। उक्त युवक पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगा कर उसे पीट पाट कर मार डाला गया था। उसकी लाश जंगल से बरामद हुई थी।