Sunday, November 17, 2024
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बाबा सिद्दीकी के घर कई बार गए थे शूटर, YouTube से सीखा गोली चलाना: गौतम को शादियों में फायरिंग का था अनुभव, इसलिए हत्या के लिए उसे चुना

गौतम को उत्तर प्रदेश में शादी के जुलूसों में 'जश्न मनाने के लिए फायरिंग करने का अनुभव' था। वह बहराइच जिले के गंडारा गाँव का रहने वाला है। वहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि वह पुणे में कबाड़ की दुकान पर काम करने गया था। उनका कहना है कि हाल के महीनों में उसने कुछ ऑनलाइन सामग्री पोस्ट की थी, जिसमें उसने अपने 'गैंगस्टर' होने का दिखावा किया था।

राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। दरअसल, हत्या करने से पहले शूटरों ने पहले बाबा सिद्दीकी के घर पर जाकर वहाँ की कई बार रेकी की थी। इतना ही नहीं, शूटर गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप ने यूट्यूब वीडियो देखकर गोली चलाना सीखा था। इसकी प्लानिंग तीन महीना पहले से की जा रही थी।

मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं जबकि तीन अन्य फरार हैं। फरार आरोपितों की तलाश के लिए कई टीमें गठित की गई हैं। पुलिस ने बताया कि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा मामले की जाँच कर रही है। क्राइम ब्रांच ने एक काला बैग बरामद किया है, जिसमें 7.62 MM की बंदूक मिली।

मुंबई पुलिस के हवाले से ANI ने बताया, “आरोपितों को बाबा सिद्दीकी की पहचान के लिए उनकी तस्वीर दी गई थीं। शूटरों ने घटना से 25 दिन पहले उनके घर और दफ़्तर का मुआयना किया था। गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप ने यूट्यूब से शूटिंग सीखी और मुंबई में बिना मैगज़ीन के शूटिंग का अभ्यास किया।” शूटरों ने प्रैक्टिस के लिए कुर्ला में किराए पर एक घर लिया था।

यह घर तीसरे आरोपित ने लिया था, जो फिलहाल फरार है। उन्हें बिना गोली के निशाना साधने का अभ्यास करने के लिए सिद्दीकी का बैनर फोटो दिया गया। बाबा सिद्दीकी की हत्या की पूरी प्लानिंग पुणे में की गई थी। वहीं, चौथे संदिग्ध 23 वर्षीय हरीश कुमार बालकराम निषाद को उत्तर प्रदेश के बहराइच से गिरफ्तार किया गया है। उस पर वित्तीय सहायता देने और रसद समन्वय करने का आरोप है।

निषाद ने शूटरों को 2 लाख रुपए और हथियार दिए थे। बालकराम निषाद पुणे में कबाड़ का काम करता था और वह इस साजिश का हिस्सा था। तीन आरोपित में से दो- धर्मराज और शिव प्रसाद गौतम उसकी कबाड़ की दुकान में काम करते थे। पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए एक अन्य आरोपित प्रवीण लोनकर और उसके फरार भाई शुभम लोनकर ने गुरमेल और धर्मराज को 2 लाख रुपए दिए।

यह पैसा हरीशकुमार बालकराम निषाद ने शूटरों तक पहुँचाया था। मुंबई पुलिस ने बताया कि पिछले नौ सालों से पुणे में रहने वाले हरीशकुमार ने आरोपित शूटरों को दो मोबाइल फोन भी दिए थे। जाँच में यह भी पता चला है कि आरोपितों ने आपस में बातचीत करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था। मैसेज भेजने के लिए स्नैपचैट और कॉल करने के लिए इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते थे।

पुलिस का कहना है कि शुभम लोनकर को मैसेजिंग ऐप्स का ज्ञान है और उसने सिद्दीकी हत्या की साजिश में शामिल सभी सदस्यों को निगरानी से बचने के लिए इंस्टाग्राम के जरिए बात करने और स्नैपचैट के जरिए चैट करने के लिए कहा था। ये पिछले तीन महीने से बाबा सिद्दीकी की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे। ये सिद्दीकी के घर बिना हथियार के कई बार जा चुके थे।

मुंबई क्राइम ब्रांच ने अब तक 15 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें घटना के समय मौजूद कई चश्मदीद गवाह भी शामिल हैं। वहीं, सिद्दी के घर की रेकी के लिए इस्तेमाल किए गए मोटरसाइकल को भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। हमलावरों ने दावा किया कि वे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े हैं। लॉरेंस गुजरात की साबरमती जेल में बंद है। हत्या के लिए ये सब मुंबई सिर्फ डेढ़ महीना पहले ही आए थे।

बता दें कि मुंबई के निर्मल नगर इलाके में शनिवार (12 अक्टूबर 2024) की रात 66 वर्षीय बाबा सिद्दीकी को उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन लोगों ने घेर लिया और गोली मारकर हत्या कर दी। उन्हें तुरंत लीलावती अस्पताल पहुँचाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

फरार शिकुमार गौतम और जीशान अख्तर की तलाश

मुंबई क्राइम ब्रांच ने फरार तीसरे शूटर शिवकुमार गौतम और आरोपित मोहम्मद जीशान अख्तर सहित अन्य आरोपितों को पकड़ने के लिए कई टीमें बनाई हैं। प्रवीण का भाई शुभम एक और मुख्य आरोपित हो सकता है, क्योंकि उसके लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से संबंध होने का संदेह है। अधिकारियों ने बताया कि गौतम को सिद्दीकी को गोली मारने के लिए इसलिए रखा गया था।

गौतम को उत्तर प्रदेश में शादी के जुलूसों में ‘जश्न मनाने के लिए फायरिंग करने का अनुभव‘ था। वह बहराइच जिले के गंडारा गाँव का रहने वाला है। वहाँ के स्थानीय लोगों और पुलिस ने बताया कि गौतम का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह पुणे में कबाड़ की दुकान पर काम करने गया था। उनका कहना है कि हाल के महीनों में उसने कुछ ऑनलाइन सामग्री पोस्ट की थी, जिसमें उसने अपने ‘गैंगस्टर’ होने का दिखावा किया था।

पुलिस ने बताया कि प्रवीण लोनकर पर सिद्दीकी पर गोली चलाने वाले तीन शूटरों में से दो को ‘सहयोगी’ बनाने का आरोप है। इसका भाई शुभम जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से जुड़ा है और वह भी साजिश का हिस्सा है। पुलिस ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के कथित सदस्य शुभम लोनकर ​​के सोशल मीडिया पोस्ट की जाँच की जा रही है, जिसमें सिद्दीकी की हत्या की बात कही गई है।

पुलिस को संदेह है कि शुभम ने इसे पोस्ट किया था। उसने फेसबुक और इंस्टाग्राम को पत्र लिखकर पोस्ट के बारे में जानकारी माँगी है। शुभम सितंबर के आखिरी हफ्ते तक पुलिस की निगरानी में था, लेकिन बाद में वह गायब हो गया। उसे जनवरी में महाराष्ट्र के अकोला जिले के अकोट पुलिस स्टेशन में दर्ज आर्म्स एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि, बाद में उसे जमानत मिल गई थी।

पुलिस ने उस मामले में 10 से अधिक हथियार बरामद किए थे। इस साल अप्रैल में सलमान खान के आवास के बाहर गोलीबारी की घटना के बाद जून में भी उसे पूछताछ के लिए उठाया गया था। उस पर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता का संदेह था। हालाँकि, सबूत नहीं मिलने पर उसे छोड़ दिया गया था। उस पर निगरानी थी, लेकिन 24 सितंबर से उसका पता नहीं चला।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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