राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने चलती ट्रेन में बैठे-बैठे बच्चों की तस्करी करने वाले दलालों को पहचान उनकी गिरफ्तारी करवाई। फिल्म के सीन जैसी लगने वाली यह घटना 30-31 मई की रात को मध्यप्रदेश के कटनी स्टेशन से दिल्ली के चली ट्रेन में घटी। रेल में बैठे एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने थोड़ा संदेह होने पर एक दंपति से पूछताछ की और उसके बाद शक सही पाने पर दोनों को पुलिस को सौंप दिया। दिलचस्प बात यह है कि पूरा मामला कैमरे में रिकॉर्ड हुआ।
(1/2) #FPExclusive Watch: #NCPCR chief Priyank Kanoongo catches ‘child traffickers’ red-handed on train to Delhi@NCPCR_ @KanoongoPriyank #childtrafficking pic.twitter.com/dNn5bMfijJ
— Firstpost (@firstpost) June 1, 2023
इस घटना पर एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने फर्स्ट पोस्ट से बात करते हुए कहा, “मैंने एक जोड़े को देखा जिनके साथ एक लड़की थी। उम्र 15-16 साल की होगी। वो उसके माता-पिता नहीं लग रहे थे। उनका बर्ताव भी अजीब था। उनके दस्तावेज चेक करने पर शक सही निकला। वो लड़की के माता-पिता नहीं थे। मैंने पुलिस बुलाई और बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) को सागर स्टेशन पर बुलाया और आरोपित को पुलिस को सौंपा।”
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प्रियांक कानूनगो ने बताया कि सागर की बाल कल्याण समिति लड़की की काउंसलिंग कर रही है। उसका बयान लिया जा रहा है। पूछताछ में पता चला है कि उसका घर छत्तीसगढ़ बिलासपुर में है। एक व्यक्ति को उसकी सोशल रिपोर्ट बनाने के लिए भी कहा गया है।
बता दें कि सोशल रिपोर्ट एक तरह का सर्वे होता है जिसमें राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की तरफ से पीड़ित बच्ची के घर की उन परिस्थितियों के हालात का जायजा लिया जाता है जिन्होंने बच्ची को दलालों के फंदे में भेज दिया। रिपोर्ट के माध्यम से ही निर्धारित होता है कि बच्ची को उसके घर भेजा जाना सुरक्षित है या नही। अगर किसी भी परिस्थिति में ऐसा लगता है कि बच्ची घर जाकर दोबारा दलालों के हाथ आ सकती है तो उसे उसके घर नहीं भेजा जाता।