झारखंड के हजारीबाग के बरही में 10 फ़रवरी 2022 को हुए रुपेश पांडेय की हत्या के मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) ने हेमंत सोरेन सरकार से जवाब माँगा है। आयोग ने झारखंड पुलिस से अब तक की कार्रवाई की रिपोर्ट माँगी है। इसके लिए 10 दिनों का समय दिया गया है। NCPCR ने यह पत्र 17 मार्च (गुरुवार) को जारी किया है।
Jharkhand | National Commission for Protection of Child Rights (NCPCR) issues an inspection report, along with recommendations, to the state govt on the complaint on the death of a minor in Barhi, Hazaribagh district; asked for an action report within 10 days. pic.twitter.com/NHX1njGpZw
— ANI (@ANI) March 17, 2022
इस पत्र में NCPCR ने अपनी पुरानी नोटिस का हवाला देते हुए झारखंड के DGP से कार्रवाई को लेकर जवाब माँगा है। आयोग के मुताबिक उन्हें अभी तक इस मामले में हुई कार्रवाई को लेकर कोई भी रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई है। आयोग ने नोटिस में NCPCR सदस्यों द्वारा रुपेश पांडेय के घर के दौरे का भी जिक्र किया है। इसमें आयोग के सदस्यों ने पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी बात की थी।
पीड़ित परिवार ने लौटा दी कॉन्ग्रेस विधायक द्वारा दी गई सहयोग राशि
पीड़ित परिवार के रिश्तेदार सुमन सौरव ने ऑपइंडिया से बात करते हुए बताया, “इस घटना में पुलिस 5 से अधिक लोगों को गिरफ्तार ही नहीं करना चाहती, क्योंकि उन पर मॉब लिंचिंग कानून लगाना पड़ेगा। CBI जाँच की माँग को भी झारखंड सरकार में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने विधानसभा में ठुकरा दिया है। मृतक रुपेश पांडेय के चाचा ने कॉन्ग्रेस विधायक उमाशंकर यादव ‘अकेला’ द्वारा दी गई 50 हजार रुपए की सहायता राशि को भी लौटा दिया है, क्योंकि उन्हें पैसा नहीं बल्कि सिर्फ न्याय चाहिए।”
रुपेश पांडे के परिवार जनों ने कांग्रेस विधायक अकेला यादव के दिए 50,000 लौटाए,
— सुमन सौरभ (@sauravw91) March 13, 2022
कहा अपराधियों का संरक्षण बंद करो हमें पैसे नहीं न्याय चाहिए। @dprakashbjp#justiceforRupeshPandey pic.twitter.com/diUkHXRgaZ
सुमन सौरव ने आगे बताया, “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रुपेश की माँ को एक सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया था। संभवतः ये नौकरी चतुर्थ श्रेणी की होगी। वो आदेश प्रक्रिया में चल रहा है।’