Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाज'गैर-मुस्लिमों को शिक्षा दो, मजहबी शिक्षा नहीं': NCPCR ने राज्यों को दिए मदरसों की...

‘गैर-मुस्लिमों को शिक्षा दो, मजहबी शिक्षा नहीं’: NCPCR ने राज्यों को दिए मदरसों की विस्तृत जाँच और मैपिंग के आदेश, 30 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

एनसीपीसीआर प्रमुख ने अपने निर्देशों में कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संक्षरण आयोग सभी सरकारी वित्त पोषित/ मान्यता प्राप्त मदरसों की विस्तृत जाँच करने की सिफारिश करता है जो गैर-मुस्लिम बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संक्षरण आयोग (NCPCR) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर गैर-मुस्लिम बच्चों को दाखिला देने वाले मदरसों की विस्तृत जाँच करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिवों को सभी मदरसाें की मैपिंग के भी निर्देश दिए गए हैं।

एनसीपीसीआर के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिख कर निर्देश जारी किए हैं। एनसीपीसीआर प्रमुख ने अपने निर्देशों में कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संक्षरण आयोग सभी सरकारी वित्त पोषित/ मान्यता प्राप्त मदरसों की विस्तृत जाँच करने की सिफारिश करता है जो गैर-मुस्लिम बच्चों को प्रवेश दे रहे हैं।

एनसीपीसीआर ने पत्र में कहा कि उसे कई शिकायतें मिली हैं कि गैर-मुस्लिम समुदायों के बच्चों को सरकार द्वारा वित्तपोषित मदरसों में प्रवेश दिया जा रहा है और उन्हें छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है। पत्र के अनुसार, ”यह संविधान के अनुच्छेद 28 (3) का स्पष्ट उल्लंघन है, जो शैक्षणिक संस्थानों को माता-पिता की सहमति के बिना बच्चों को मजहबी शिक्षा में भाग लेने के लिए बाध्य करने से रोकता है।”

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने यह भी कहा कि हालाँकि मदरसे मुख्य रूप से मजहबी शिक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। वहीं जो सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं, वे बच्चों को मजहबी और कुछ हद तक औपचारिक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य को बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 6 के अनुसार औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूलों में जाएँ। इसलिए, एनसीपीसीआर ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सरकार द्वारा वित्तपोषित मदरसों की विस्तृत जाँच करने के लिए कहा है जो गैर-मुस्लिम छात्रों को प्रवेश दे रहे हैं।

एनसीपीसीआर ने इसके साथ ही ऐसे मदरसों में जाने वाले बच्चों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने के लिए भी कहा है। पत्र के अनुसार, अधिकारियों से जाँच के बाद ऐसे सभी बच्चों को औपचारिक स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए कहा गया है।

एनसीपीसीआर ने गुरुवार (8 दिसंबर 2022) को जारी नोटिस में यह भी कहा है कि राज्य सभी मदरसों की मैपिंग करेंगे और 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट जमा करेंगे। इससे पहले नवंबर में केंद्र सरकार ने कक्षा 1 से 8 तक के मदरसा छात्रों को छात्रवृत्ति देना बंद कर दिया है। कक्षा 1 से 5 तक के मदरसा बच्चों को 1,000 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती थी, जबकि कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को छात्रवृत्ति उनके पाठ्यक्रमों के आधार पर मिलती थी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -