नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NFDC) ने मुंबई में प्रस्तावित किए जाने वाले इजरायली फिल्म फेस्टिवल को रद्द कर दिया है। यह आयोजन 21-22 अगस्त, 2024 को होना था। इसे नसीरुद्दीन शाह, रत्ना पाठक शाह और अन्य लिबरल पत्रकारों-एक्टरों की अपील के बाद रद्द किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह इजरायली फिल्म फेस्टिवल मुंबई स्थित नेशनल म्यूजियम ऑफ़ इंडिया सिनेमा में आयोजित किया जाना था। इसमें इजरायली कलाकारों और फिल्मों से उड़े लोगों को को भी शामिल होना था। इसके अलावा इस फेस्टिवल के दौरान इजरायली फिल्मों की स्क्रीनिंग भी होती।
इजरायली फिल्म फेस्टिवल का आयोजन NFDC और NMIC ही मिल कर कर रहा था। हालाँकि, इस फेस्टिवल के आयोजन से पहले ही सिनेमा की लिबरल-वामपंथी लॉबी ने इसका विरोध चालू कर दिया। उन्होंने इसे इजरायल और हमास की लड़ाई से जोड़ दिया और रद्द करने की माँग की।
देश में ‘डर का माहौल’ की बात करने वाले नसीरुद्दीन शाह और सेट पर सेक्स की बात करने वाली उनकी पत्नी रत्ना पाठक शाह ने इस फिल्म फेस्टिवल को रद्द करने की माँग NFDC से की। नसीरुद्दीन के अलावा डाक्यूमेंट्री बनाने वाले आनंद पटवर्धन, नक्सलियों को बचाने का प्रयास कर चुके तुषार गाँधी और किसान आन्दोलन में फेक न्यूज फ़ैलाने वाली कॉन्ग्रेस परस्त एक्टिविस्ट शबनम हाशमी शामिल हैं।
लगभग 25 वामपंथी-लिबरल विचारधारा रखने वाले पत्रकारों, एक्टरों और लेखकों ने इस संबंध में एक पत्र लिखा है। इस पत्र में दावा किया गया है कि इजरायल गाजा के भीतर 1.8 लाख लोगों को मार चुका है। इस आँकड़े के लिए एक स्टडी का हवाला दिया गया है, जिस पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।
इस पत्र में कहा गया है, “NFDC द्वारा यह स्क्रीनिंग से ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब पूरी दुनिया इजरायल के युद्ध अपराधों, गाजा और पूरे फिलिस्तीन में चल रहे नरसंहार की गवाह बन रही है।” इस पत्र में कहा गया है कि भारत फिलिस्तीन को देश मानता है और इजरायल-हमास के बीच लड़ाई में शांति की बात करता रहा है, ऐसे में यह फिल्म फेस्टिवल रद्द हो।
विरोध के बाद बुधवार (21 अगस्त,2024) को यह सूचना सामने आई कि NFDC ने इजरायली फिल्म फेस्टिवल को रद्द कर दिया है। हालाँकि, NFDC की तरफ से इस सम्बन्ध में कोई आधिकारिक बयान नहीं सामने आया है।