कर्नाटक के प्रवीण नेट्टारू हत्याकांड में NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) को चार लोगों की तलाश है। एजेंसी ने इन पर इनाम की घोषणा की है। इनकी जानकारी देने के लिए दो नंबर जारी किए हैं। जिनकी तलाश की जा रही है वे प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) से जुड़े हैं। इनके नाम हैं- मोहम्मद मुस्तफा, तुफैल, उमर फारुख और अबू बकर सिद्दीक।
सूचना देने के लिए जो नंबर जारी किए हैं, वे हैं- 080- 29510900 और 8904241100। पत्र द्वारा सूचना के लिए NIA ने अपने बेंगलुरु स्थित ऑफिस का पता दिया है। यह पता पुलिस अधीक्षक NIA के कार्यालय का है जो डोमलूर इलाके के सर एम विश्वेश्वरैया केंद्रीय भवन के 8वें फ्लोर पर स्थित है।
NIA ने कहा है कि इनाम के हक़दार वही होंगे जिनकी सूचना पुख्ता और आरोपितों की गिरफ्तारी में मददगार साबित होगी। राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने सूचना देने वाले की पहचान को भी गुप्त रखने का भरोसा दिया है।
National Investigating Agency (NIA) has announced a cash reward for those who will provide information about four banned PFI members wanted in Praveen Nettaru (BJP Yuva morcha worker) murder case. pic.twitter.com/Bc47AM51cD
— ANI (@ANI) November 2, 2022
मोहम्मद मुस्तफा पर 5 लाख रुपए का इनाम रखा गया है। इसके अब्बा का नाम उमर है जो कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के सुल्लिया तालुका का रहने वाला है। तुफैल पर भी 5 लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। उसके अब्बा का नाम हमीद है, जिसका घर कर्नाटक के कोडागु जिले के मदिकेरी बाजार की मस्जिद के पास है।
उमर फारुख पर 2 लाख का इनाम है। उमर के अब्बा का नाम रफीक है जो कर्नाटक के ही दक्षिण कन्नड़ जिले का रहने वाला है। इस तरह अबू बकर सिद्दीक पर भी इनाम रखा गया है। वह अली कुन्ही का बेटा है। मोहम्मद मुस्तफा के ही गाँव के रहने वाले हैं। NIA के मुताबिक अबू बकर का नाम पेंटर सिद्दीक भी है।
गौरतलब है कि 26 जुलाई 2022 को बेल्लारे में हमलावरों ने भाजपा नेता प्रवीण नेट्टारू को कुल्हाड़ी से उस वक़्त काट दिया था, जब वे दुकान बंद कर अपने घर जा रहे थे। इस मामले में पुलिस ने 28 जुलाई को जाकिर और शफीक को गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर हत्या की साजिश रचने का आरोप है। आरोपितों के लिंक पीएफआई और एसडीपीआई से मिले हैं। बाद में इस मामले की जाँच स्टेट पुलिस से NIA को सौंप दी गई थी। प्रवीण नेट्टारू की हत्या उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का विरोध करने की वजह से हुई थी।