Monday, November 18, 2024
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19-25 साल की लड़कियों की करते थे तस्करी, 80 के दशक से ही चला रहे थे सेक्स रैकेट: 9 बांग्लादेशी सहित 12 के खिलाफ NIA की चार्जशीट

जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई, वो हैं - अब्दुल बारीक़ शेख, रुहुल अमीन ढली, असद हसन, मोहम्मद युसूफ खान, बीथि बेगम, मोहम्मद राना हुसैन, शरीफ शेख, मोहम्मद अल-मामून, शोजीब शेख, सुरेश कुमार दास, मोहम्मद अब्दुल्लाह मुंशी और मोहम्मद अयूब शेख। ये सभी आरोपित फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्करी समूह का खुलासा करते हुए आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इस मामले में 12 आरोपित हैं, जिनमें से 9 बांग्लादेशी नागरिक हैं। हैदराबाद स्थित स्पेशल NIA कोर्ट में इनके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया। इस मामले में सबसे पहले हैदराबाद स्थित पहाड़ी शरीफ में FIR दर्ज की गई थी। हालाँकि, इस मामले में अभी जाँच चल ही रही है।

जिन आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई, वो हैं – अब्दुल बारीक़ शेख, रुहुल अमीन ढली, असद हसन, मोहम्मद युसूफ खान, बीथि बेगम, मोहम्मद राना हुसैन, शरीफ शेख, मोहम्मद अल-मामून, शोजीब शेख, सुरेश कुमार दास, मोहम्मद अब्दुल्लाह मुंशी और मोहम्मद अयूब शेख। ये सभी आरोपित फ़िलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इनके खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए और सुनवाई के बाद इन्हें सजा सुनाई जाएगी।

दरअसल, रंगारेड्डी के बालापुर स्थित जलपल्ली गाँव के महमूद कॉलोनी में स्थित दो वेश्यालयों में पुलिस की छापेमारी के दौरान 10 मानव तस्करी में लिप्त अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था। साथ ही 4 बांग्लादेशी लड़कियाँ भी बरामद की गई थीं, जिन्हें फ़िलहाल हैदराबाद स्थित शेल्टर होम्स में रखा गया है। सितम्बर 21, 2019 को हुई इस छापेमारी में कई डिजिटल गैजेट्स के अलावा काफी सारे फेक आईडी कार्ड्स और दस्तावेज भी बरामद किए गए थे।

NIA ने अपनी जाँच में पाया कि रुहुल अमीन ढली और अब्दुल बारीक शेख बांग्लादेश की युवतियों को मानव तस्करी के लिए भारत में लाता था और भारत की युवतियों को वहाँ भेजता था। इस मामले में काफी रकम कमीशन के जरिए पे की जाती थी। रुहुल और 10 अन्य बांग्लादेशी 80 के दशक में ही भारत आ गए थे और यहाँ कई वेश्यालय चला रहे थे। इन लड़कियों को भारत में बेहतर जॉब्स और ज़िंदगी का लालच देकर यहाँ लाया जाता था।

पश्चिम बंगाल के सोनाइ नदी को पार करा के इन्हें कोलकाता लाया जाता था और फिर देश के विभिन्न इलाकों में बेच दिया जाता था। इन लड़कियों की उम्र 19-25 वर्षों की होती थी। इस मामले में बांग्लादेशी दम्पति युसूफ खान और बीथि बेगम उनकी मदद करती थी। इन युवतियों के फेक कागजात भी बनाए जाते थे। इनका कारोबार मुंबई तक फैला हुआ था। ये सभी 80 के दशक से ही ‘वेश्यावृत्ति रैकेट’ चला रहे थे।

इससे पहले सितम्बर 2019 में NIA ने बांग्लादेशी महिलाओं की तस्करी और उनके यौन शोषण के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। मोहम्मद यूसुफ खान, उसकी पत्नी बिठी बेगम और सोजिब के खिलाफ 17 सितंबर को NIA ने मामला दर्ज किया था। ह्यूमन ट्रैफिकिंग (मानव तस्करी) अधिनियम के तहत NIA की यह पहली कार्रवाई थी। आँकड़े बताते हैं कि बीते दशक में करीब 12-30 साल की 500,000 बांग्लादेशी महिलाएँ गैर कानूनी तरीके से भारत लाई गई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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