कर्नाटक के शिवमोगा जिले में हर्षा (26) नामक बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के मामले में गुरुवार (30 जून 2022) को राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) ने शिवमोगा जिले में 13 स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की। तेरह स्थानों पर तलाशी ली। जिन लोगों के घरों में तलाशी ली गई, वो सभी हर्षा की हत्या के मामले में संदिग्ध हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए की टीम गुरुवार को 8 गाड़ियों से शिवमोगा पहुँची। वहाँ पर संदिग्धों के घरों में ताबड़तोड़ तलाशी अभियान चलाने के बाद वहाँ से निकल गई। इस सर्च ऑपरेशन को लेकर एक अधिकारी ने कहा कि आरोपित और संदिग्धों के घरों से तलाशी के दौरान विभिन्न डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनमें मोबाइल फोन, सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड, हार्ड डिस्क और अन्य आपत्तिजनक सामग्री और दस्तावेज शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि शिवमोगा जिले में हिजाब विवाद के दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की 20 फरवरी 2022 को हत्या कर दी गई थी। इस मामले में इस्लामिक कट्टरपंथियों के शामिल होने की बात सामने आई थी। सोशल मीडिया पर ऐसी कई सारी पोस्ट की गई थीं, जिनमें हर्षा को कट्टरपंथियों ने टार्गेट बनाया हुआ था।
हर्षा की मौत के मामले में कट्टरपंथी एंगल सामने आया था। इस हर्षा की हत्या के मामले में कर्नाटक पुलिस ने सभी 10 आरोपितों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धाराएँ लगा दी थी। इस मामले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि इस मामले में जो नजर आ रहा है यह उससे कहीं ज्यादा बड़ा मामला है।
उल्लेखनीय है कि यूएपीए अधिकतर उन मामलों में लगाया जाता है, जहाँ राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला हो या देश के खिलाफ किसी बड़ी साजिश का शक हो। बाद में 23 मार्च को इस मामले की जाँच को एनआईए को सौंप दिया गया था। इसी को लेकर जाँच एजेंसी ने ये रेड की है।