कश्मीर घाटी में हिंसा की घटनाओं के लिए आतंकी फंडिंग केस की जाँच कर रही राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार (जुलाई 16, 2019) को कश्मीर के एक स्थानीय अखबार के संपादक से पूछताछ की। एनआईए ने एजेंसी के दिल्ली मुख्यालय में घाटी के अखबार ‘कश्मीर रीडर’ के संपादक मोहम्मद हयात भट को बुलाकर उनसे कई घंटों तक कड़ी पूछताछ की। इससे पूर्व एजेंसी ने पिछले हफ्ते हयात भट को समन जारी किया था। मूल रूप से पुलवामा के निवासी हयात भट से हुई पूछताछ में कई बड़ी जानकारियाँ एजेंसी के हाथ लगी हैं।
खबर के मुताबिक, हयात भट उर्फ हाजी हयात ने साल 2012 में ‘कश्मीर रीडर’ अखबार की शुरुआत की थी और इससे पूर्व वो हेल्पलाइन ऐडवर्टाइजिंग एजेंसी के नाम से एक फर्म चलाता था, जिसे किसी दूसरे देश से फंडिंग मिलती थी। श्रीनगर नगर निगम के एक अधिकारी के अनुसार, ऐडवर्टाइजिंग एजेंसी चलाने वाले भट को साल 2007 में 10 वर्षों के लिए सरकारी विज्ञापनों के लिए श्री नगर निगम की स्थापना का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। उसे श्री नगर में लगभग 150 स्थानों के लिए एक मामूली राशि के लिए अनुबंध मिला था। बता दें कि जिस समय भट को यह कॉन्ट्रैक्ट मिला था, उस समय जम्मू-कश्मीर के सीएम पीडीपी के नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद थे।
राष्ट्रीय जाँच एजेंसी का दावा है कि भट के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से बेहद करीबी संबंध थे और उसने अपने अखबार में लिखने के लिए कई जिहादी पत्रकारों को भी नौकरी पर रखा हुआ है। उनमें से कुछ पत्रकार अब कथित रुप से कश्मीर के प्रेस क्लब के कार्यकारी सदस्य हैं। अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी कश्मीर के एक संदिग्ध संगठन ‘कश्मीर एडिटर्स गिल्ड’ के संस्थापकों का भी पता लगाने में जुटी हुई है। एजेंसी के अधिकारियों को शक है कि इस संगठन का निर्माण आईएसआई द्वारा घाटी में कराया गया है और इसके कई सदस्य भी टेरर फंडिंग केस में शामिल हो सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, एनआईए भारत सरकार के खिलाफ नफरत पैदा करने वाली सामग्री को लेकर कश्मीर के कई पत्रकारों से पूछताछ कर रही है। वहीं, कश्मीर एडिटर्स गिल्ड (KEG) के नव निर्वाचित निकाय ने टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट की निंदा करते हुए इसे आधारहीन बताया है। उन्होंने कहा है कि वे इस रिपोर्ट पर कानूनी कार्रवाई करेंगे।
गौरतलब है कि, कुछ दिनों पहले, एनआईए ने कश्मीरी अलगाववादी आसिया अंद्राबी की श्रीनगर स्थित घर को अटैच किया था। आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने के कारण यूएपीए के तहत यह कार्रवाई की गई थी। आसिया अंद्राबी के इस घर का इस्तेमाल आतंकी संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की गतिविधियों के लिए किया गया था। अब आसिया अंद्राबी अपने इस घर को तब तक नहीं बेच सकती है, जब तक इस पूरे मामले की जाँच खत्म न हो जाए। कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने और युवाओं को भड़काने के कारण अलगाववादी नेता शब्बीर शाह, यासिन मलिक, आसिया अंद्राबी, पत्थरबाजों के पोस्टर बॉय मसरत आलम और हवाला एजेंट जहूर वटाली को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।