देशभर में चर्चा का विषय रहे नोएडा के निठारी हत्याकांड के मुख्य दोषी सुरेंद्र कोली को सीबीआई की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है, जबकि दूसरे अभियुक्त मोनिंदर सिंह पंढेर को 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने कोली पर 40 हजार रुपए और पंढेर पर 4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दोनों पहले से ही डासना जेल में बंद हैं और किसी दूसरे मामले में सजा काट रहे हैं।
इससे पहले कोली को 13 मामलों में मौत की सजा और तीन मामलों में सबूतों की कमी होने के कारण बरी कर दिया गया था। उसके एक मामले में राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका खारिज कर दी गई थी, लेकिन फाँसी में देरी होने के कारण सर्वोच्च न्यायालय ने उसे कैंसिल कर दिया था। उल्लेखनीय है कि सीबीआई कोर्ट से फाँसी की सजा मिलने के बाद से अधिकतर मामले हाई कोर्ट या फिर सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं।
ताजा मामले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान पब्लिक प्रॉसीक्यूटर दर्शन लाल ने अदालत के सामने रौंगटे खड़े कर देने वाली कहानी को बयाँ किया। दर्शन लाल के मुताबिक, लड़की (जिसका रेप हुआ) काम ढूँढ रही थी। उसी दौरान सुरेंद्र कोली ने उसके साथ बलात्कार किया, फिर उसी की चुन्नी को उसके गले से लपेटकर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। लड़की की मौत होने के बाद वो उसके शव को बाथरूम में ले गया और वहाँ पहले उसका सिर काटकर अलग कर दिया। इसके बाद बॉडी के कई टुकड़े कर उसे पॉलीथिन में बाँधकर रख दिया। बाद में जो हड्डियाँ बची उन्हें कोठी के पीछे के नाले में फेंक दिया।
कब का है ये मामला
गौरतलब है कि ये मामला करीब 16 साल पहले 29 दिसंबर 2006 को निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे बह रहे नाले से 19 बच्चों और महिलाओं के कंकाल मिले थे। इसके बाद ही इस मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया था।