भारत में तेजी से विकास हो रहा है। इस वजह से बिजली की माँग भी बढ़ी है। बिजली की माँग की आपूर्ति और दूर-दराज के इलाकों में बिजली कनेक्शन पहुँचाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की NDA सरकार ने बेहतरीन काम किया है। ISRO की एक रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। मोदी सरकार की सौभाग्य योजना और राष्ट्रीय राजमार्ग के तेजी से निर्माण ने विद्युतीकरण की दिशा में भारत की तस्वीर बदल दी है।
सौभाग्य योजना की शुरुआत वर्ष 2017 में की गई थी और तब से अब तक करीब 3 करोड़ घरों में बिजली पहुँचाई जा चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 31 मार्च, 2021 तक सौभाग्य योजना के लॉन्च के बाद से 2.8 करोड़ घरों का विद्युतीकरण किया गया था। वहीं 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से अब तक करीब 50,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो चुका है और यह स्वाभाविक है कि इस राजमार्गों पर जलाई जा रही स्ट्रीट लाइट से देश में नाइट लाइट टाइम (NLT) में बढ़ोतरी हुई है। भारत में अब कुल 63.73 लाख किलोमीटर का राजमार्ग नेटवर्क है। मोदी सरकार द्वारा तेजी से किए गए विद्युतीकरण के कार्य की झलक इसरो की रिपोर्ट में भी दिखती है।
इसरो (ISRO) की ओर से प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में वर्ष 2012 से वर्ष 2021 तक नाइट लाइट टाइम (NLT) में 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान NLT में केवल वर्ष 2020 में थोड़ी कमी आई है। इसका कारण संभवतः कोरोना महामारी हो सकता है।
कई राज्यों ने इस मामले में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। बिहार इसमें सबसे आगे है। बिहार में इस एक दशक में NLT में रिकार्ड 474 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज की है। वहीं कई राज्यों ने इस मामले में सुस्त प्रगति की है।
दरअसल ISRO के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (ISRO National Remote Sensing Centre) ने यह ग्रोथ रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, “विकास के दृष्टिकोण से आर्थिक और पारिस्थितिक तंत्र को देखने के लिए कई संकेतक उपलब्ध हैं। नाइट टाइम लाइट्स (NTL) को इन गतिविधियों की निगरानी के संकेतकों में से एक माना जा सकता है। वर्ष 2012 से 2021 की अवधि में राष्ट्रीय, राज्य और जिलेवार नाइट टाइम लाइट ट्रेंड का विश्लेषण करने के लिए पूरे भारत को कवर किया गया है।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, “कोविड-19 महामारी के कारण, यह पाया गया कि NLT में लगभग सभी राज्यों में वर्ष 2020 में गिरावट आई है। इसलिए आँकड़ों की गणना तीन स्तरों में की गई है। 2012 से 2019 , 2019 से 2020 और 2020 से 2021 के बीच । ट्रेंड सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों के संबंध में बहुत उपयोगी हो सकते हैं। पूरे भारत में 2012 से 2021 के बीच NLT में लगभग 43% वृद्धि देखी गई है। वहीं वर्ष 2019 और 2020 की तुलना करें तो इस दौरान 5% की कमी देखी गई है, जिसका कारण COVID-19 महामारी हो सकता है। वहीं वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में पूरे भारत में NLT में 9% वृद्धि देखी गई।”
राज्यवार बात करें तो बिहार ने NLT में शानदार प्रदर्शन किया है। उसके बाद मणिपुर (441%), लद्दाख (280%) और केरल (119%) का स्थान है। दूसरी ओर गुजरात (58%), उत्तर प्रदेश (61%), अरुणाचल प्रदेश (66%) और मध्य प्रदेश (66%) में एक दशक के दौरान मध्यम वृद्धि देखी गई। वहीं जिन राज्यों में इस दौरान NLT 55 % से कम रहे, उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना जैसे विकसित राज्य शामिल हैं