टिकरी सीमा पर ‘किसान आंदोलन’ में पश्चिम बंगाल की एक महिला के साथ बलात्कार की घटना को अभी एक साल भी नहीं हुए हैं कि अब एक नर्स ने वहाँ यौन शोषण का आरोप लगाया है। शिवानी ढिल्लों नामक सोशल मीडिया यूजर ने उक्त पंजाबी नर्सिंग असिस्टेंट के साथ हुई वारदात के बारे में बताया। टिकरी सीमा पर किसान प्रदर्शनकारियों ने कई महीनों से हाइवे को ब्लॉक कर के रखा हुआ है और अब वहाँ मेकशिफ्ट कैम्प भी बना लिए गए हैं।
पीड़िता ने टिकरी सीमा पर हो रहे प्रदर्शन के आयोजकों में से एक डॉक्टर सवाईमान सिंह के वॉलंटियर्स पर यौन शोषण का आरोप लगाया। इंस्टाग्राम पर अपनी दास्ताँ शेयर करते हुए पीड़िता ने बताया कि कैसे डॉक्टर सवाईमान सिंह और उनके अनुयायियों ने उसे प्रताड़ित किया। पीड़िता ने बताया कि डॉक्टर सिंह के वीडियोज देख कर वो उनसे प्रभावित थी और प्रदर्शन स्थल पर कोरोना वैक्सीन को लेकर जागरूकता फैलाना चाहती थी।
फिर उसने अप्रैल में इस काम के लिए वॉलन्टियरिंग शुरू की। डॉक्टर सवाईमान सिंह ने वहाँ ‘पिंड कैलिफोर्निया’ नामक अस्थायी अस्पताल बनाया है। उसी इमारत के एक कॉरिडोर में गाँव की अन्य महिला प्रदर्शनकारियों के साथ रहने के लिए पीड़िता को भी जगह दी गई। पीड़िता ने बताया कि कुछ पुरुष वॉलंटियर्स के साथ पहली बातचीत में ही उसे सब कुछ ठीक नहीं लग रहा था, लेकिन उसे जाने दिया।
पहले दो दिन में सिर्फ जरूरत की ही बातें हुईं, लेकिन तीसरे दिन उसके कमरे में रहने वाले एक महिला डॉक्टर को जाना था। नर्स ने बताया कि वो कमरे में अकेले नहीं सोना चाहती थी, इसीलिए बगल के कमरे की महिला प्रदर्शनकारियों को अपने साथ सोने को कहा। अज्ञात नर्स ने बताया कि डॉक्टर सिंह के वॉलन्टियर्स ने उस पर अश्लील टिप्पणियाँ की और साथ ही दावा किया कि वो किसी पुरुष वॉलंटियर के साथ रोमांस कर रही है।
पीड़िता ने बताया कि जब उसने पास खड़े एक बुजुर्ग व्यक्ति से इसकी शिकायत की तो उसके बाद वॉलंटियर्स मिल कर उसके खिलाफ गैंगबाजी करने लगे। जब उसने डॉक्टर सिंह से इसकी शिकायत की तो उन्होंने ‘ये अमेरिका नहीं है’ कहते हुए शिकायत को नजरअंदाज कर दिया और कहा कि वो वॉलंटियर्स 4-5 महीने से हैं, जबकि उक्त नर्स के आए अभी 2-3 दिन ही हुए हैं। अगले दिन जब नर्स ने फिर से डॉक्टर सवाईमान सिंह को इन मुद्दों के बारे में बताया तो उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि वो नर्स की सेफ्टी की गारंटी नहीं दे सकते।
It’s beyond imagination that in the name of protest, insulting a women’s modesty, indecent insinuation, eve teasing, slut shaming and what not is going on. 3/n pic.twitter.com/qAJhW6akuS
— Shivani dhillon (@shivani_sikh) June 4, 2021
महिला के अनुसार, डॉक्टर सवाईमान सिंह ने नर्स से कहा कि वो उसे सिंघु सीमा पर छोड़ आएँगे और तभी बुलाएँगे, जब कोई लेडी डॉक्टर आ जाएगी। महिला ने डॉक्टर सिंह के वॉलंटियर्स पर ‘स्लट-शेमिंग’ का भी आरोप लगाया। पीड़िता ने बताया कि वो लोग एक महिला के मुँह से ना सुनने के आदी नहीं थे और खुद को श्रेष्ठ समझते थे। साथ ही पीड़िता के कारण वो अपने ईगो को हर्ट हुआ भी समझते थे।
महिला ने बताया, “इन लोगों ने जिस तरह से मुझे प्रताड़ित किया, मेरा यौन शोषण किया और स्त्रियों के प्रति उनकी घृणा को जिस तरह से मैंने झेला, उससे स्पष्ट है कि वहाँ कई अन्य महिलाओं को भी ऐसे ही अनुभव हुए होंगे। मोर्चा की चिंता मुझे थी, डॉक्टर सिंह को नहीं। एक महिला का प्रताड़ना के खिलाफ आवाज़ उठाने से उस पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन ऐसे लोगों के चुप होने से पड़ेगा। इस प्रदर्शन में महिलाओं को तुच्छ समझी जाने वाली सोच बदली जानी चाहिए।”
टिकरी बॉर्डर पर पहले भी हुई है रेप की घटना
मई 2021 में दिल्ली के टिकरी बॉर्डर स्थित ‘किसानों’ के प्रदर्शन स्थल पर बंगाल से आई युवती की कोरोना से मृत्यु के बाद युवती के पिता ने आरोप लगाया था कि उन्हें उनकी बेटी ने खुद फोन पर कहा था कि उसका शारीरिक शोषण किया गया था। गैंगरेप के इस मामले के आरोपितों में से दो आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता हैं। ‘स्वराज पार्टी’ के योगेंद्र यादव को किसानों के टेंट में हुई इस घटना के बारे में पता था।
शिकायत के अनुसार, युवती ने पिता को बताया कि अनिल और अनूप अच्छे लोग नहीं हैं। यात्रा के दौरान जब सब सो रहे थे तब उनमें से अनिल ने पास आकर उसे जबरन चूमा। उसने हड़बड़ी में उसे अपने से दूर होने को कहा और दोबारा हरकत न दोहराने की चेतावनी दी। मगर, इसके बाद अनिल और अनूप उसे ब्लैकमेल करने लगे, उस पर प्रेशर बनाने लगे। उसके साथ साथ ट्रेन में भी जबरदस्ती हुई और बाद में प्रदर्शनस्थल पर भी उसे आरोपितों के साथ जबरदस्ती टेंट शेयर करने को कहा गया।
बाद में योगेंद्र यादव ने सफाई देते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी बांग्ला भाषी पत्नी को लड़की से बात करने को कहा, जहाँ लड़की ने उन्हें अपने शोषण की हल्की-फुल्की हिंट दी। उनके मुताबिक, 25 अप्रैल को यादव ने खुद उसको संपर्क किया था लेकिन लड़की के पिता ने कहा कि उसे कहीं और ले जाया गया है। उन्होंने बताया था कि ये जानने के बाद उन्होंने लड़की को फोन किया और उससे बात की।
इतना ही नहीं, ‘किसान आंदोलन’ में महिला पत्रकारों तक को बदसलूकी का सामना करना पड़ा है। इंडिया टुडे की एडिटर प्रीति चौधरी ने बताया था कि प्रदर्शनस्थल पर मौजूद ‘कुछ प्रदर्शनकारी’ रिपोर्टरों (पत्रकारों) का यौन उत्पीड़न भी करने लगे हैं, वहीं वहाँ मौजूद अन्य लोग ये सब होने देते हैं। महिला पत्रकारों के नितम्बों पर चुटकी काटने के आरोप लगे थे। रिपब्लिक और ज़ी न्यूज़ के पत्रकारों के साथ भी बदसलूकी के वीडियो सामने आए थे।