राजस्थान की राजधानी जयपुर में बने शैल्बी अस्पताल में वेंटिलेटर पर भर्ती एक महिला मरीज के यौन शोषण का मामला सामने आया है। नर्सिंग स्टॉफ खुशीराम ने सोमवार (मार्च 17, 2021) को महिला के साथ उस समय बदसलूकी की, जब उसका ऑपरेशन करके उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था।
खुशीराम उस दौरान अस्पताल में ड्यूटी पर था। उसने महिला की हालत का फायदा उठाते हुए उससे अश्लील हरकत की। महिला होश में थी, लेकिन मुँह पर मास्क होने के कारण वह कुछ बोल नहीं पाई। खुशीराम उसे छू छूकर घटिया हरकतें करता रहा। पूरी रात उसके प्राइवेट पार्ट्स पर भी हाथ लगाया।
सुबह जब दूसरा स्टाफ वहाँ आया तो पीड़िता ने महिला नर्स को आपबीती बतानी चाही, मगर खुशीराम ने उसे धमका दिया। बाद में जब महिला मरीज का पति उसे देखने पहुँचे तो उसने लिख कर अपनी सारी बात बताई।
पत्नी के यौन उत्पीड़न की बात समझते ही पति आग बबूला हो गया। उसने तुरंत पुलिस में शिकायत करवाई। शिकायत में पति ने बताया कि सोमवार देर रात को उसकी पत्नी की तबीयत खराब होने पर वह उसे चित्रकूट में स्थित एक निजी अस्पताल में लेकर पहुँचा, जहाँ पर महिला की स्थिति गंभीर होने पर चिकित्सकों ने उसे आईसीयू में भर्ती कर लिया।
तबीयत खराब होने की वजह से शाम को उनकी पत्नी का ऑपरेशन किया गया। चूँकि, आईसीयू में किसी का रुकना अलाउड नहीं था। इसलिए अस्पताल की तरफ से कहा गया कि जरूरत पड़ने पर उनको बुला लिया जाएगा, जिसे सुन महिला का पति घर चला गया।
अगली सुबह जब वह अस्पताल में आया तो पत्नी परेशान थी। उसने रोते हुए कुछ कुछ इशारों में बताने की कोशिश की, लेकिन मुँह पर मास्क के कारण वह नहीं बोल पाई, फिर हाथ में एक कागज दिया गया तो महिला ने अपने साथ हुई बदसलूकी के बारे में बताया।
महिला ने लिखा कि रात के समय मेल वॉर्ड बॉय उसके पास आया और बेहोशी की अवस्था में समझकर उसके शरीर के साथ छेड़छाड़ करने लगा। उसके प्राइवेट पार्ट्स को भी छुए। वेंटिलेटरपर होने के कारण महिला उस युवक का विरोध नहीं कर पाई और रात भर रोती रही।
बता दें कि अस्पताल में सेवाकर्मी की ओर से हुई ऐसी शर्मसार हरकत पर डीसीपी ने संज्ञान लिया है। उन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल में सीसीटीवी को चेक किया और आरोपित की पहचान करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपित करौली के नादौती का रहने वाला है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जाँच कर रही है।
गौरतलब है कि राजस्थान से महिलाओं के यौन उत्पीड़न का इन दिनों ये कोई पहला मामला नहीं है, जहाँ आम जन की सेवा के नाम पर किसी महिला की अस्मत पर प्रहार हुआ हो। इससे पहले 8 मार्च को प्रदेश के अलवर जिले में एक पुलिस अधिकारी पर महिला से थाने में दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। वहीं 14 मार्च को एक एसीपी पर एक दुष्कर्म पीड़िता के साथ जबरदस्ती करने का मामला उजागर हुआ था।