पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों से परेशान हो कर एक और दलित समुदाय के हिन्दू परिवार ने भारत में शरण ली है। परिवार में महिलाओं और बच्चों सहित 10 लोग बताए जा रहे हैं। पाकिस्तान ने इस परिवार को भारत का वीजा नहीं दिया था। इसी के चलते यह परिवार नेपाल के रास्ते भारत आया है। इस परिवार ने राजस्थान के बाड़मेर में शरण ली है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के मुखिया का नाम राजेश कुमार है। ये सभी मेघवाल जाति के हैं। ये मूल रूप से पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के मीरपुर ख़ास इलाके के रहने वाले हैं। भारत में आने के लिए यह परिवार 9 दिसंबर को ही दुबई चला गया था। दुबई से इन सभी ने भारत का वीजा लगाया जिसे कैंसिल कर दिया गया था। आखिरकार ये सभी नेपाल गए। नेपाल में एक स्थानीय व्यक्ति ने इनको भारत की सीमा में दाखिल करवाने में मदद की।
मिली जानकारी के मुताबिक नेपाल से यह परिवार पहले राजस्थान के जोधपुर पहुँचा था। वहाँ ये सभी अपने रिश्तेदार के गाँव सालोड़ी में रुके थे। इसके बाद ये सभी बाड़मेर के धोरीमना स्थिति रोहिल्ला गाँव आ गए। स्थानीय प्रशसन ने इनके आगे की जानकारी गृह मंत्रालय को दे दी है। वहाँ से किसी निर्देश आने की प्रतीक्षा भी की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों ने इन सभी की तलाशी भी ली जिसमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
परिवार के मुखिया राजेश कुमार ने बताया, “हमें पाकिस्तान में लगातार मौत की धमकियाँ दी जाती हैं। हमारी महिलाओं के साथ रेप करने की भी धमकी मिलती है। मेरे छोटे भाई को पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियों ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया था। जैसे तैसे वो सितंबर 2021 में रिहा हुआ तो उसके ही साथियों ने उसका अपहरण कर लिया। इसके बदले हमसे फिरौती माँगी जाती रही।”
राजेश मेघवाल ने आगे बताया, “हमारे पास देने के लिए पैसे ही नहीं थे। आखिरकार अपहरणकर्ताओं ने 47 दिनों बाद मेरे भाई को छोड़ा। अब हम पाकिस्तान में नहीं रह सकते थे। अगर हम वहाँ रहते तो न जाने हमारे साथ क्या हो जाता। मेरा भाई हरीश अभी नहीं आ पाया है क्योंकि उसके ऊपर वहाँ केस दर्ज है।”