पश्चिम बंगाल की एक एनजीओ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तारीफ़ की है। संघ की जनकल्याण समिति मुंबई में काफ़ी अच्छा काम कर रही है। संस्था द्वारा बुजुर्गों, गरीबों और महिलाओं की मदद की जा रही है। साथ ही संस्था उन मजदूरों की भी सहायता कर रही है, जो लॉकडाउन के बीच इधर-उधर फँसे हुए हैं। इस मामले में वो न तो जाति-संप्रदाय देख रही है और न ही धर्म-मजहब। सभी वर्ग के लोगों को सहायता पहुँचाई जा रही है।
संस्था के लोगों ने बताया कि वो स्वामी विवेकानंद के कथन को लेकर जनता की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि आप जिसकी भी सहायता करते हैं, उसके प्रति एहसानमंद रहिए क्योंकि उसके भीतर भगवान का वास होता है। बंगाली मुस्लिमों की जिस तरह से मदद की जा रही है, उससे वहाँ के लोग गदगद हैं। जिस तरह से संघ को बदनाम करने के लिए मुस्लिम विरोधी बताया जाता है, ऐसे लोगों के मुँह पर ये चाँटा के समान है।
संघ को इस्लामोफोबिया से ग्रसित भी बताया जाता है। ‘आर्किड फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया’ के अध्यक्ष सोहैल राना आलम की कहानी ऐसे सभी प्रोपेगंडा को धता बताती है। उन्होंने बताया कि किस तरह से संघ ने मुस्लिमों की मदद की है। उन्होंने लिखा, “मैं न तो भाजपा समर्थक हूँ और न ही RSS के सभी एजेंडे का समर्थन करता हूँ। लेकिन हाँ, मैं बस सच्चाई बयान कर रहा हूँ।” उन्होंने इसके लिए एक घटना का उदाहरण दिया।
दरअसल, मुंबई के धारावी में बंगाल स्थित मुर्शिदाबाद के 5-6 मजदूर फँसे हुए थे। इसके अलावा घाटकोपर में बाँकुरा और अन्य जिलों के 7-8 मजदूर कई दिनों से फँस गए थे। इसके बाद सोहैल राना ने उनके बारे में घाटकोपर के एसीपी को बताया। एसीपी ने उन्हें कण्ट्रोल रूम का नंबर दिया। इसके बाद उन्हें संघ के पदाधिकारी महेश कुलकर्णी का नंबर मिला। कण्ट्रोल रूम से उन्हें ये नंबर मिला था। तब उन्हें नहीं पता था कि वो RSS से जुड़े हैं, उन्हें किसी एनजीओ का बता कर दिया गया था।
सोहैल के मन में संघ को लेकर कुछ शंकाएँ थीं, इसीलिए उन्होंने पहले ही कहा कि वो एक मुस्लिम हैं और मुस्लिमों के लिए ही मदद चाहते हैं। महेश ने उन्हें बताया कि संघ के कार्यकर्ता मानवता में विश्वास रखते हैं और बाकी चीजों को इससे नीचे रखते हैं। इसके तुरंत बाद महेश और आरएसएस ने उन मजदूरों तक मदद पहुँचाई। सोहैल का कहना है कि उन्होंने कभ RSS के इस पक्ष के बारे में कभी नहीं।
इससे पहले सोहैल ने धारावी डीसीपी अकबर पठान और पुलिस स्टेशन से भी सम्पर्क किया लेकिन उन्हें बार-बार मदद करने से मना कर दिया। सोहैल ने लिखा कि उन्होंने ज़िंदगी भर RSS की आलोचना की लेकिन आज RSS ने जिस तरह से वहाँ फँसे मुस्लिमों की मदद की है, इससे वो काफ़ी प्रभावित और गदगद हैं। आरएसएस के गणेश पांडी ने भी उनकी मदद की। उन्होंने आरएसएस की जम कर तारीफ की।