कानूनी कार्यकर्ता समूह ‘लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम’ (LRPF) ने एक विदेशी इस्लामी उपदेशक मुहम्मद साकिब बिन इकबाल शमी उर्फ साकिब इकबाल शमी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शमी पर्यटक वीसा पर भारत आकर कई शहरों में आयोजित इस्लामी मजहबी सम्मेलनों में शामिल हुए थे। उन्होंने उत्तर प्रदेश में के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) द्वारा आयोजित ऐसे ही एक कार्यक्रम में भी भाग लिया था।
संस्था ने गृह मंत्री अमित शाह और उनके कार्यालय, यूके में भारत के उच्चायोग, यूपी और तेलंगाना के डीजीपी और वारंगल सीपी को टैग करते हुए ट्वीट किया। अपने ट्वीट में फोरम ने लिखा, “पाकिस्तान से जुड़े यूके स्थित इस्लामी उपदेशक साकिब इकबाल शमी द्वारा भारतीय वीसा प्रावधानों का घोर उल्लंघन और आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया गया। @AmitShah जी, @HMOIndia @IndiainUK, @cpwarangal1 @TelanganaDGP @dgpup और इमिग्रेशन से उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की शिकायत दर्ज की गई है।”
Gross violation of Indian Visa provisions by Pakistan-linked UK-based Islamic Preacher Saqib Iqbal Shaami & his intervention into internal matters.
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) February 3, 2023
Lodged complaint with @AmitShah ji, @HMOIndia @IndiainUK, @cpwarangal1 @TelanganaDGP @dgpup & immigration seeking ban on his entry pic.twitter.com/9go7cynlWV
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तानी मूल ब्रिटिश उपदेशक टूरिस्ट वीसा पर भारत का दौरा कर रहे हैं और विभिन्न शहरों में इस्लामी मजहबी आयोजन कर रहे हैं। अपने कार्यक्रम के एक भाग के रूप में वह 4 फरवरी 2023 को मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में वारंगल के आजम जाही मिल मैदान में आयोजित एक विशाल धार्मिक आयोजन में भाग लेंगे।
उन्होंने 2 फरवरी 2023 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक सामूहिक इस्लामी धार्मिक आयोजन में भाग लिया। साकिब बिन इकबाल शमी ने AMU में आयोजित कार्यक्रम की झलकियों को ट्विटर पर साझा करते हुए इसे ‘सबसे बड़ी राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और इस्लामी सभा’ बताया।
A glimpse of the historic event in Aligarh Muslim University from only inside the auditorium!
— Saqib Iqbal (@ShaykhSaqib) February 2, 2023
Shaykh Saqib Shaami Sahibs Hh event last time was the biggest Islamic gathering but last night according to the professors from different faculties of Ali Ghar Muslim university, pic.twitter.com/i6suyzmhaO
साकिब कट्टर इस्लामी उपदेशक हैं। YouTube पर इनके 776 हजार फॉलोअर हैं। वे कंज़ उल हुदा नामक एक संगठन का नेतृत्व करते हैं। इसके जरिए वे नियमित रूप से मजहबी तकरीर करते हैं और दावा या इस्लामिक धर्मांतरण में संलग्न रहते हैं। साकिब का YouTube चैनल गैर-मुस्लिमों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर करने वाले वीडियो से अटा पड़ा है।
फोरम ने अपनी शिकायत में कहा कि साकिब भारत की आंतरिक मामलों में दखल दे रहे हैं। गृह मंत्रालय को भेजी गई शिकायत में LRPF ने कहा, “उपरोक्त परिस्थितियों और सबसे गंभीर मामले को देखते हुए, हम आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं कि वारंगल में होने वाले उनके कार्यक्रम को रोकने के लिए निवारक कदम उठाएँ और उनके और कार्यक्रम के प्रायोजकों/आयोजकों के खिलाफ विदेशी अधिनियम, 1946 की संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई करें। हम भविष्य में भारत आने से रोकने के लिए उन्हें काली सूची में डालने का भी अनुरोध करते हैं।”
उल्लेखनीय है कि टूरिस्ट वीसा या किसी अन्य वीसा पर देश में आए विदेशियों के महजबी प्रचार में शामिल होना गैरकानूनी है। मिशनरियों के लिए, मिशनरी वीसा इस शर्त के साथ दिया जाता है कि मिशनरी कार्य में धर्मांतरण शामिल नहीं होगा। भारतीय वीसा नियमों के अनुसार, भारत उन प्रचारकों को वीजा नहीं देता है, जो भारत में धर्म प्रचार के लिए आना चाहते हैं। भारत में स्थित कोई संगठन भी उन्हें बुलाना चाहे तो उन्हें वीसा जारी नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि गृह मंत्रालय ने वर्ष 2020 में भारत में महजबी गतिविधियों में शामिल होकर वीसा शर्तों का उल्लंघन करने पर तबलीगी जमात के 960 विदेशी सदस्यों के टूरिस्ट वीसा को रद्द कर दिया था और उन्हें काली सूची में डाल दिया था।
इसके अलावा, जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तबलीगी जमात के सदस्य मौजूद हैं, उनसे भी केंद्र ने विदेशी अधिनियम, 1946 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा था। इसमें निर्वासन के लिए $500 जुर्माना लेना भी शामिल है।