तमिलनाडु में एक महिला के ऊपर बर्बरता से हमले का मामला उजागर हुआ है। द कम्यून मैग के अनुसार, पीड़िता की गलती बस ये थी कि उसने एक पादरी और एक अन्य महिला को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, कन्याकुमारी जिले के पादरी जोसेफ इसिदोर (Joseph Isidore), तिरुनेलवेली जिले के पनकुडी के पास रोसमियापुरम में हरमाइन्स होम फॉर द डेस्टीट्यूट नाम के एक अनाथालय और वृद्धाश्रम का संचालन करते हैं। इसमें 30 से अधिक बेसहारा बच्चे और बुजुर्ग रहते हैं।
पादरी जोसेफ इसिदोर को किसी महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखने वाली और हमले का शिकार हुई पीड़िता की पहचान बतौर राजाम्मल (Rajammal) हुई है। वो थुथ्यनवलाई के पास मुदुमोटनमोझी कोविल स्ट्रीट की रहने वाली है। वो कई साल अनाथालय में बतौर बावर्ची काम कर चुकी है।
अफवाह पहले से थी कि ईसाई पादरी जोसेफ का एक महिला जयलक्ष्मी के साथ अफेयर है, जो वहीं कार्यरत है। लेकिन 25 जनवरी को जब दोनों एक-दूसरे के साथ थे, तभी राजाम्मल की नजर उनके कमरे में पड़ी और उन्होंने दोनों को देख लिया। पादरी और जयलक्ष्मी इसके बाद हक्का-बक्का रह गए। उन्होंने राजाम्मल से बहस शुरू कर दी और उस पर बुरी तरह हमला कर दिया।
राजाम्मल पर हुए इस अचानक हमले के कारण उसे गंभीर चोट आए। उन्हें राधापुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। कथित तौर पर राधापुर के सब इंस्पेक्टर शिव पेरुमल को महिला और पादरी के रिश्ते के बारे में पहले से पता था।
जब सब इंस्पेक्टर राजाम्मल के पास पूछताछ के लिए पहुँचे तो पीड़िता ने उन्हें बताया कि उन पर हमला किन हालातों में हुआ। उनका कहना था कि उन्होंने गरीबी और किसी का साथ न होने के कारण पूरी घटना का खुलासा नहीं किया। मगर अब उनकी शिकायत पर दोनों आरोपितों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाया जा रहा है।
गौरतलब है कि तमिलनाडु की यह घटना बिलकुल सिस्टर अभया के केस जैसी है। इसमें अभया ने दो पादरियों और एक नन- थॉमस कुट्टूर, जोस पूथरुकायिल, और सिस्टर सेफी को ‘आपत्तिजनक स्थिति’ में पाया था। सिस्टर अभया को देख कर तीनों ने उन पर हमला कर दिया, जिससे सिस्टर अभया बेहोश हो गईं। इसके बाद तीनों ने मिलकर उन्हें कुऍं में डाल दिया। इस केस में भी तीनों को डर था कि कहीं सिस्टर अभया किसी को बता न दें।