Friday, November 15, 2024
Homeदेश-समाज1 महीने में गिराओ 'वक्फ भवन', पटना HC का आदेश: 5 जजों का फैसला,...

1 महीने में गिराओ ‘वक्फ भवन’, पटना HC का आदेश: 5 जजों का फैसला, जस्टिस अमानुल्लाह ने जताई असहमति

5 जजों की पीठ में जस्टिस अश्विन कुमार सिंह, विकास जैन, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, राजेंद्र कुमार मिश्रा और चक्रधारी शरण सिंह शामिल थे। चार जजों ने 'वक्फ भवन' को हटाने के पक्ष में फैसला दिया जबकि अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने इस मामले में अपनी असहमति जताई।

पटना हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग के उत्तरी भाग के नजदीक बन रहे 4 मंजिला ‘वक्फ भवन’ को ध्वस्त करने के आदेश उच्च न्यायालय में 4:1 के जजमेंट के साथ पास कर दिए गए हैं। इससे पहले यह मामला अदालत के मुख्य न्यायाधीश के निर्देशों पर जनहित में दायर हुआ था। इस मामले पर पाँच जजों की विशेष पीठ ने सुनवाई की। पीठ में जस्टिस अश्विन कुमार सिंह, विकास जैन, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, राजेंद्र कुमार मिश्रा और चक्रधारी शरण सिंह शामिल थे।

मामले की सुनवाई में पीठ के चार जजों ने हाई कोर्ट के पास बने निर्माण को हटाने के पक्ष में फैसला दिया जबकि अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने इस मामले में अपनी असहमति जताई और निर्माण को बस नियम विरुद्ध बताया और उसे अवैध मानने से इंकार किया। इसके अलावा, उन्होंने टिप्पणी की कि उल्लंघन ऐसा नहीं है कि पूर्ण विध्वंस के लिए कहा जाए, उन्होंने प्रस्ताव दिया कि उप-नियम का उल्लंघन करने वाली 10 फीट की ऊँचाई को, अनियमितता को ठीक करने के लिए ध्वस्त किया जा सकता है।

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि पता लगाया जाए कि आखिर वो कौन से अधिकारी हैं जिन्होंने वक्फ भवन के अवैध निर्माण को बनाने के निर्देश दिए और जिनके कारण जनता के करीब 14 करोड़ रुपए बर्बाद हुए। कोर्ट ने निर्माण को ‘Bihar Building Bylaws’ के तहत अवैध करार दिया। इस बिल्डिंग को बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए बनवाया था जिसे वक्फ बोर्ड ‘मुसाफिरखाना’ के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था।

कोर्ट ने पटना के नगर निगम को निर्देश दिया है कि अगर बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट निर्माण हटाने में असफल रहता है तो वह एक माह के भीतर ऐसा करें। कोर्ट ने इस बात पर भी सवाल उठाए कि आखिर कोविड महामारी में इतनी जल्दी ये निर्माण तैयार कैसे हुआ जबकि कहीं कोई काम सही से नहीं हो पा रहा था। बता दें कि ये मामला मार्च में पीठ के संज्ञान में आया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

5000 भील योद्धा, गुरिल्ला युद्ध… और 80000 मुगल सैनिकों का सफाया: महाराणा प्रताप ने पूंजा भील को ऐसे ही नहीं दी थी राणा की...

आज हल्दीघाटी के युद्ध के नतीजे महाराणा प्रताप की तरफ झुकते दिखते हैं, तो उसके पीछे राणा पूंजा जैसे वीरों का अतुलनीय योगदान है।

‘वोट जिहाद’ के ₹100+ करोड़ वाले केस में ED ने मारे छापे, गुजरात-महाराष्ट्र में हुई तलाशी: सिराज अहमद पर है गड़बड़ी का आरोप

भाजपा ने इस पैसे का इस्तेमाल वोट जिहाद के लिए किए जाने का शक जताया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस मामले में को लेकर चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -