दिल्ली शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार (17 मई 2024) को सुप्रीम कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल की। इसमें एजेंसी ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और हवाला ऑपरेटरों के बीच व्यक्तिगत चैट का पता चला है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर मामले में यह आठवाँ आरोप पत्र है।
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, इस चार्जशीट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का नाम आरोपित के तौर पर दर्ज है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर यह पहली चार्जशीट है। बता दें कि तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी है।
Enforcement Directorate files supplementary chargesheet (prosecution complaint) in Delhi excise policy case. This is the eighth chargesheet in the matter filed by the Enforcement Directorate. According to the ED, Delhi CM Arvind Kejriwal and Aam Aadmi Party names are mentioned as… pic.twitter.com/9nST8sl8Pw
— ANI (@ANI) May 17, 2024
ED की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ को बताया, “हमने अभी हवाला ऑपरेटर को गिरफ्तार किया है… केजरीवाल ने कई फोन नष्ट कर दिए थे, अब हवाला ऑपरेटरों से रिकवरी की गई है।” यह बात तब सामने आई, जब जस्टिस खन्ना ने ED से मनीष सिसोदिया के मामले में सभी सामग्रियों को रिकॉर्ड पर रखने के लिए कहा।
एएसजी एसवी राजू ने पीठ को बताया, “अब हमें अरविंद केजरीवाल और हवाला ऑपरेटर के बीच चैट मिली हैं… व्यक्तिगत चैट…।” इसके बाद अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की दलील पर आपत्ति जताते हुए कहा, “यह अनुचित है… यह जानकारी अब शाम 4:30 बजे दी जा रही है। यह सबूतों का दमन है।”
कल, यानी गुरुवार (16 मई 2024) को ईडी ने अदालत को सूचित किया कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद केजरीवाल ने सार्वजनिक रूप से जो बयान दिए, वह ‘सिस्टम पर तमाचा’ हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा, “वे (अरविंद केजरीवाल) कहते हैं कि मुझे 20 दिनों में वापस जेल जाना होगा। अगर आप झाड़ू को वोट देंगे तो मुझे जेल नहीं जाना पड़ेगा…।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम राहत देने पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने काफी विरोध किया था। ये दोनों प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उस समय अदालत में मौजूद थे। तुषार मेहता ने कहा था कि ऐसी धारणा बनाई जा रही है कि अगर उन्हें प्रचार करने की अनुमति नहीं दी गई तो आसमान गिर जाएगा।
ED ने एक हलफनामा दायर कर तर्क दिया था कि अकेले धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत वर्तमान में कई राजनेता न्यायिक हिरासत में हैं, और ऐसा कोई कारण नहीं है कि केजरीवाल द्वारा विशेष उपचार के लिए विशेष प्रार्थना को स्वीकार किया जाना चाहिए।