केंद्र सरकार द्वारा 5 वर्षों के लिए प्रतिबंधित किए जाने के बाद अब PFI ने अपने संगठन को भंग करने का ऐलान किया है। प्रतिबंधित संगठन की केरल यूनिट के ‘जनरल सेक्रेटरी’ अब्दुल सत्तार ने कहा कि संगठन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना का संज्ञान लिया है और ‘कानून का पालन करने वाले नागरिक’ होने के कारण संगठन को भंग करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि संगठन इस निर्णय को स्वीकार करता है।
इधर जाँच एजेंसियाँ अब PFI पर बैन के बाद अगले कदम की तैयारी में जुट गई है। कई ठिकानों पर 2 राउंड्स में हुई छापेमारी में संगठन के कई कार्यकर्ता पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं और सबूत के रूप में कई भड़काऊ दस्तावेज भी मिले हैं। अब PFI और उससे जुड़े सोशल मीडिया हैंडलों को भी हटवाया जाएगा। इसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MeitY) की मदद ली जा रही है। साथ ही सभी संबंधित बैंकों से संपर्क कर PFI और इससे जुड़े बैंक खातों को तुरंत फ्रीज करने को कहा गया है।
इसके साथ ही केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को भी कहा है कि वो इस प्रतिबंधित संगठन से जुड़ी सभी संपत्तियों को तुरंत अपने कब्जे में ले लें। भाजपा ने अपनी सरकार के इस निर्णय की पीठ थपथपाते हुए कहा है कि ये समय पर लिया हुआ मजबूत निर्णय है। पार्टी ने कहा कि कुछ लोग इसमें भी राजनीतिक फायदे देख रहे हैं। ‘ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़’ नामक संगठन ने इस बैन का स्वागत किया है। संगठन ने कहा है कि PFI देश के सामाजिक सौहार्द और भाईचारे के विरुद्ध कार्य कर रहा था।
#ByeByePFI: गल्फ से लिंक है.. चीन से लिंक है.. इसके बावजूद सवाल पूछा जा रहा है कि PFI को क्यों बैन किया गया? देखिए, इस सवाल पर क्या बोले रक्षा विशेषज्ञ Maj Gen (R) @GeneralBakshi@navikakumar #SawalPublicKa #PFIBan #PFIBanned pic.twitter.com/fDaMze6aKm
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) September 28, 2022
पसमांदा मुस्लिमों के संगठन ने कहा कि राष्ट्रवाद की भावना से ही भारत जगद्गुरु बनेगा। 12 वर्ष पहले जिन प्रोफेसर टीएस जोसफ की PFI के कट्टरपंथियों ने हाथ काट लिया था, उन्होंने इस निर्णय पर कहा कि कभी-कभी प्रतिक्रिया देने की बजाए चुप रहना ही बेहतर होता है। उन्होंने बताया कि वो इस मामले के पीड़ित रहे हैं। वहीं PFI से जुड़े संगठन SDPI ने ‘अघोषित आपातकाल’ का रोना रोते हुए कहा कि ये गलत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि नए भारत में देश की एकता को खंडित करने वाले हर ताकत को स्वीकार नहीं किया जाएगा।