दिल्ली पुलिस ने उत्तर-पूर्व दिल्ली दंगों के मामले की जाँच को आगे बढ़ाते हुए देवांगना कलिता के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया है। वह पिंजड़ा तोड़ की दूसरी ऐसी सदस्य है जिसके खिलाफ UAPA के तहत कार्रवाई की गई है।
जेएनयू की छात्रा और फार-लेफ्ट ग्रुप पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता पर दिल्ली के कुछ हिस्सों में दंगे भड़काने की सोची-समझी साजिश और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए आतंकवाद विरोधी आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उसके वकील ने बताया कि उस पर देशद्रोह, हत्या के प्रयास, हत्या, आपराधिक साजिश और धर्म, नस्ल, जन्मस्थान आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इससे पहले पिंजड़ा तोड़ की नताशा नरवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत मामला दर्ज किया था। फरवरी में हुई हिंसा के मामले में नताशा नरवाल ओर देवांगना कलिता को 23 मई को गिरफ्तार किया था। 24 मई को दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था। लेकिन दोनों को जमानत मिल गई थी। इसके फौरन बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दोनों को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा और आपराधिक साजिश के आरोप में गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए दो दिन का रिमांड ले लिया था।
देवांगना इस समय न्यायिक हिरासत में है। यह चौथा मामला है जिसके तहत कालिता को यूएपीए मामले में कुछ सप्ताह की अवधि में गिरफ्तार किया गया है। दो अन्य मामले उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से संबंधित हैं, जबकि एक मामला पिछले साल दिसंबर की शुरुआत में हुए हिंसा से जुड़ा है।
पहले हुई गिरफ्तारी में उसे अदालत ने जमानत दे दी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसे दंगों से संबंधित एक हत्या के मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया था। बाद में फिर 30 मई को उसे पिछले साल दिसंबर में पुरानी दिल्ली के दरियागंज में दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मगर इस मामले में भी उसे जमानत दे दी गई थी।
नताशा नरवाल और देवांगना कलीता जेएनयू की छात्राएँ हैं। कलीता सेंटर फॉर वीमेन स्टडीज में एमफिल, जबकि नरवाल सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज की पीएचडी की छात्रा है। दोनों पिंजरा तोड़ संगठन की संस्थापक सदस्य हैं, जिसे 2015 में स्थापित किया गया था।
पिंजरा तोड़ के सदस्यों ने 22 फरवरी की शाम को नागरिकता संशोधन एक्ट (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के लिए स्थानीय निवासियों को भड़काया और उन्हें जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर इकट्ठा होने के लिए कहा। पूछताछ में खुलासा हुआ था कि नताशा और देवांगना ने लोगों को भड़काने के लिए पूरी रणनीति तैयार की थी।
नताशा और देवांगना ने साजिश रच के 66 फूटा सड़क को ठप्प करवाया था। दोनों का काम जाफराबाद तक ही सीमित नहीं था। इन्होंने कई अन्य इलाकों में घूम-घूम कर लोगों को भड़काया और दंगों में भाग लेने को उकसाया।
दिल्ली दंगों को लेकर अब तक सात लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज हुआ है। इनमें आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, मीरान हैदर, सफूरा जरगर, आसिफ इकबाल तन्हा शामिल हैं।