प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन में शामिल होंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजे अयोध्या पहुँचेंगे। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजकर 10 मिनट तक अयोध्या में रहेंगे। 5 अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम सुबह 8 बजे शुरू होगा।
इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की शनिवार (जुलाई 18, 2020) को बैठक हुई। इस बैठक में इस पर चर्चा की गई कि भूमि पूजन की तारीख क्या होगी। खबर ये भी है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 3 अगस्त और 5 अगस्त की तारीख भेजी गई थी। जिनमें से किसी एक को PMO फाइनल करना था।
विश्व हिंदू परिषद और श्री रामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के सूत्रों के मुताबिक द्वितीया सह तृतीया तिथि अपने आप में सर्वार्थ सिद्धि योग वाली है। इसलिए प्रधानमंत्री इस दिन अयोध्या आ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले भी न्यास के अध्यक्ष और श्री मणिराम जी की छावनी के श्रीमहंत नृत्यगोपालदास ने पत्र लिख कर श्रावणी पूर्णिमा और भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वितीया की दोनों तिथियों के मंगल मुहूर्त का ब्योरा और न्योता दोनों भेजे थे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने जानकारी देते हुए बताया था कि आयोजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के उत्तराधिकारी नृत्य गोपाल दास ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आधारशिला रखने और श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन पर आमंत्रित भी किया है।
देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार नरेंद्र मोदी अयोध्या जाएँगे। पाँच अगस्त को पीएम मोदी करीब 3 घंटा रामनगरी अयोध्या में रहेंगे। भूमि पूजन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी मंदिर की आधारशिला भी रखेंगे। इस दौरान वह श्रीराम मंदिर का भूमि व शिलान्यास करने के साथ ही अयोध्या में पर्यटन पर भी कार्यक्रम देखेंगे।
बीते वर्ष पाँच अगस्त को ही कश्मीर से धारा 370 हटाई गई थी। गौरतलब है कि ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय ने जानकारी दी थी कि गुजरात के भव्य सोमनाथ मंदिर का निर्माण करने वाले सोमपुरा मार्बल ब्रिक्स को ही राम मंदिर के निर्माण के लिए जिम्मेदारी दी जाएगी। मंदिर बनाने के लिए 10 करोड़ परिवारों द्वारा दान दिया जाएगा। ट्रस्ट ने कहा है कि राम मंदिर निर्माण में वित्त की कमी नहीं होगी। मंदिर की नींव का निर्माण मिट्टी की क्षमता के आधार पर 60 मीटर नीचे किया जाएगा।