विश्व विख्यात साध्वी और परोपकारी माता अमृतानंदमयी (Mata Amritanandamayi) ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों के कल्याण के लिए 2600 बेड वाला एक अत्याधुनिक अस्पताल फरीदाबाद में खोला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार (24 अगस्त 2022) को एशिया के सबसे बड़े इस निजी अस्पताल का उद्घाटन किया।
माता अमृतानंदमयी मिशन ट्रस्ट द्वारा 133 एकड़ में बनाए गए इस अस्पताल के पहले चरण में 550 बेड की सुविधा है। जल्द ही इसे और आगे विस्तार दिया जाएगा। वर्तमान अस्पताल में कार्डियक साइंस, न्यूरो साइंस, गेस्ट्रो साइंस, रिनल, ट्रामा ट्रांसप्लांट, मदर एंड चाइल्ड केयर सहित 81 अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं।
लगभग 6000 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस अस्पताल में 64 ऑपरेशन थिएटर होंगे और 543 बेड ICU के होंगे। हर ICU को पूरी तरह शीशे का बनाया गया है, ताकि मरीज को परिजन देख सकें। गंभीर रूप से बीमार रोगियों की देखभाल के लिए हर 2 रोगी पर हेल्थ वर्कर का एक वर्क स्टेशन होगा।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने माता अमृतानंदमयी का माल्यार्पण करने के बाद पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा अमृता अस्पताल के रूप में माँ अमृतानंदमयी ने हमें आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले ही देश ने आजादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है और अमृतकाल की प्रथम बेला में देश को माँ अमृतानंदमयी के आशीर्वाद का अमृत मिला है।
पीएम मोदी ने कहा, “अम्मा प्रेम, करूणा, सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं। वह सभी के लिए एक प्रेरणा हैं। वह भारत की आध्यात्मिक परंपरा की वाहक हैं। अम्मा का जीवन संदेश हमें महा उपनिषदों में मिलता है।” पीएम ने ट्रस्ट से जुड़े लोगों और चिकित्सकों को भी बधाई दी। बता देें कि यह अस्पताल माँ अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित होगा।
#WATCH | PM Modi praises Mata Amritanandamayi at the inauguration event of Amrita Hospital in Haryana’s Faridabad. The hospital is managed by Mata Amritanandamayi Math.
— ANI (@ANI) August 24, 2022
“Amma is an embodiment of love & sacrifice. She is an inspiration to all,” says PM Modi pic.twitter.com/g5O3VOjgIL
इस बता दें कि इस अस्पताल के कैंपस में ही मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, रिहैबिलिटेशन सेंटर और मरीजों के हैलीपैड की सुविधा दी गई है। इसके साथ ही अस्पताल में मरीजों को लेकर आने वाले लोगों के ठहरने के लिए 498 बेड वाला गेस्ट हाउस भी बनाया गया है। यह अस्पताल 2028-29 तक पूर्ण निर्मित होकर 2600 बेड का हो जाएगा।
कौन हैं अम्मा कहलाने वाला माँ अमृतानंदमयी
माँ अमृतानंदमयी का जन्म साल 1953 में केरल के एक गरीब मछुआरा परिवार में हुआ था। कहा जाता है कि वह बचपन से ही अलग प्रवृत्ति की व्यक्ति थीं। बचपन से ही उनमें आध्यात्मिकता के प्रति गहरा रुझान था। माता-पिता ने समय के साथ उनकी शादी करने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और असहायों के नाम कर दिया है।
कुल छह भाई-बहनों में तीसरे स्थान की माँ अमृतानंदमयी ने वर्ष 1981 में अपने माता-पिता की संपत्ति को ट्रस्ट बना दिया और लोगों की सेवा करने लगीं। यह धर्मार्थ ट्रस्ट धीरे-धीरे गाँव, जिला और राज्य में होते हुए देश स्तर पर और यहाँ तक कि दुनिया में भी धर्मार्थ का काम करने लगा।
संयुक्त राष्ट्र संघ को किया संबोधित
माँ अमृतानंदमयी के सेवा-भाव को देखते हुए उन्हें संयुक्त राष्ट्र संघ (UN) में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया। अम्मा, अमाची (माँ) और गुरु माँ के नाम से विख्यात अमृतानंदमयी के जीवन पर ‘दर्शन-द एम्ब्रेस’ नाम से एक फिल्म भी बनाई गई है। इस फिल्म को साल 2005 में कान फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग के लिए आधिकारिक तौर पर चुना गया था।
माता अमृतनंदमयी अपने ट्रस्ट के माध्यम से देश-दुनिया गरीब, असहाय, लाचार और निराश्रितों की सेवा करती हैं। उनके लिए कई तरह योजनाएँ संचालित करती हैं। इसलिए उन्हें देश-दुनिया में बेहद आदर की दृष्टि से देखा जाता है।