प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार (28 मई 2023) को अपनी ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) का 101वाँ एपिसोड पूरा किया। इस एपिसोड में उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया। इस दौरान पीएम ने केंद्र की भाजपा द्वारा की गई पहल और सफलताओं का जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने विनायक दामोदर सावरकर को भी याद किया। सावरकर की आज जयंती है।
बता दें कि 30 अप्रैल 2023 को पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का 100 एपिसोड किया था। इस एपिसोड का सीधा प्रसारण संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय (UN Head Quarter) सहित पूरी दुनिया में किया गया था।
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— Narendra Modi (@narendramodi) May 28, 2023
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘मन की बात’ का ये एपिसोड सेकेंड सेंचुरी का प्रारंभ है। पिछले महीने देश ने इसकी स्पेशल सेंचुरी को सेलिब्रेट किया था। उन्होंने कहा कि देशवासियों की भागीदारी ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी ताकत है। पिछले एपिसोड के एक वाकये को शेयर किया।
पीएम ने कहा, “जब ‘मन की बात’ का प्रसारण हुआ तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग Time zone में… कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी। इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला। मैंने हजारों मील दूर न्यूजीलैंड का वो वीडियो भी देखा, जिसमें 100 वर्ष की एक माताजी अपना आशीर्वाद दे रही हैं।”
जब 'मन की बात' का प्रसारण हुआ, तो उस समय दुनिया के अलग-अलग देशों में, अलग-अलग Time zone में…कहीं शाम हो रही थी तो कहीं देर रात थी।
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इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोगों ने 100वें एपिसोड को सुनने के लिए समय निकाला।#MannKiBaat pic.twitter.com/6WISPa12RD
सारवरकर को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “वीर सावरकर का व्यक्तित्व दृढ़ता और विशालता से समाहित था। उनके निर्भीक और स्वाभिमानी स्वाभाव को गुलामी की मानसिकता बिल्कुल भी रास नहीं आती थी। स्वतंत्रता आंदोलन ही नहीं, सामाजिक समानता और सामाजिक न्याय के लिए भी वीर सावरकर ने जितना कुछ किया उसे आज भी याद किया जाता है।”
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के तहत चलने वाले कार्यक्रम ‘युवा संगम’ के आयोजन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह युवाओं का सबसे बड़ा मंच है। इसको लेकर पीएम ने अरुणाचल प्रदेश के छात्र ग्यामर न्योकुम और बिहार के सासाराम जिले की विशाखा सिंह से फोन पर बात भी की। पीएम मोदी ने दोनों से बात करने के दौरान युवा संगम से जुड़े उनके अनुभव की जानकारी ली और इस पर ब्लॉग लिखने की सलाह दी।
विशाखा सिंह ने युवा संगम की अपनी यादें पीएम मोदी से साझा करते हुए कहा कि इसके चलते तमिलनाडु में उनके कई दोस्त भी बन गए हैं। विशाखा सिंह ने तमिलनाडु के राज्यपाल से मुलाकात और इसरो (ISRO) के दफ्तर में जाने को यादगार बताया। पीएम से बातचीत के दौरान विशाखा सिंह ने तमिलनाडु के खानपान से लेकर संस्कृति तक के अपने अनुभव साझा किए।
जी-7 देशों की बैठक में जापान के बारे में बोलते हुए पीएम ने कहा, “कुछ दिन पहले ही मैं जापान में हिरोशिमा में था। वहां मुझे Hiroshima Peace Memorial Museum में जाने का अवसर मिला। ये एक भावुक कर देने वाला अनुभव था। जब हम इतिहास की यादों को संजोकर रखते हैं तो वो आने वाली पीढ़ियों की बहुत मदद करता है। कई म्यूजियम में हमें नए सबक मिलते हैं तो कई बार बहुत कुछ सीखने को मिलता है।”
इस दौरान पीएम ने गुरुग्राम के म्यूजियम का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है – Museo Camera, इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का collection मौजूद है। तमिलनाडु के Museum of Possibilities को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर design किया गया है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा museum है, जिसमें 70 हजार से भी अधिक चीजें संरक्षित की गई हैं।”
गुरुग्राम में एक अनोखा संग्रहालय है – Museo Camera, इसमें 1860 के बाद के 8 हजार से ज्यादा कैमरों का collection मौजूद है। तमिलनाडु के Museum of Possibilities को हमारे दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर design किया गया है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय एक ऐसा museum… pic.twitter.com/mNGK350zeQ
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प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ दिन पहले ही भारत में International Museum Expo का भी आयोजन किया था। इसमें दुनिया के 1200 से अधिक Museums की विशेषताओं को दर्शाया गया। हमारे यहां भारत में अलग-अलग प्रकार के ऐसे कई Museums हैं, जो हमारे अतीत से जुड़े अनेक पहलुओं को प्रदर्शित करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “2010 में स्थापित Indian Memory Project एक तरह का Online Museum है। ये जो दुनियाभर से भेजी गयी तस्वीरों और कहानियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली इतिहास की कड़ियों को जोड़ने में जुटा है। विभाजन की विभिषिका से जुड़ी स्मृतियों को भी सामने लाने का प्रयास किया गया है।”
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, “बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के museum और memorial बनते देखे हैं। स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए museum बनाए जा रहे हैं।”
बीते वर्षों में भी हमने भारत में नए-नए तरह के museum और memorial बनते देखे हैं।
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स्वाधीनता संग्राम में आदिवासी भाई-बहनों के योगदान को समर्पित 10 नए museum बनाए जा रहे हैं।#MannKiBaat pic.twitter.com/esQNF5UfJv
प्रधानमंत्री ने जलवायु परिवर्तन और उसके कारण होने वाले जल संकट पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, “हम सबने एक कहावत कई बार सुनी होगी, बार-बार सुनी होगी – बिन पानी सब सून। बिना पानी जीवन पर संकट तो रहता ही है, व्यक्ति और देश का विकास भी ठप्प पड़ जाता है। भविष्य की इसी चुनौती को देखते हुए आज देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “1965 के युद्ध के समय, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। बाद में अटल जी ने इसमें जय विज्ञान भी जोड़ दिया था। कुछ वर्ष पहले, देश के वैज्ञानिकों से बात करते हुए मैंने जय अनुसंधान की बात की थी। ‘मन की बात’ में आज बात एक ऐसे व्यक्ति की, एक ऐसी संस्था की, जो जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान, इन चारों का ही प्रतिबिंब है।”